Thursday, March 28, 2024
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विद्यार्थियों के लिए नौकरियों की कोई कमी नहीः सचिन गुप्ता

  • संस्कृति विवि ने शुरू किए अनेक रोजगारपरक कोर्स

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए उपयोगी कोर्सेज शुरू करने के लिए पूरी एक टीम देश और विश्वस्तरीय जरूरतों के लिए लगातार शोध करती रहती है। इन शोधों के परिणाम स्वरूप विद्यार्थियों के लिए ऐसे पाठ्यक्रम विवि में शुरू किए जाते हैं, जिनको पूरा करने के बाद त्वरित गति से रोजगार मिल सके और वे अपने और अपने परिवार का सहारा बन सकें। इसी क्रम में विवि में इस सत्र से बी.टेक एअरोस्पेस इंजीनियरिंग, बीबीए इन एविएशन एंड ट्रैवल कोर्स शुरू किए गए हैं।


संस्कृति विवि के चांसलर सचिन गुप्ता ने विद्यार्थियों के हित में जारी एक बयान में बताया है कि संस्कृति विवि में एमएसएमई, शांतिगिरी, अपग्रेड, टीसीएस आयन(आईओएन) और कई विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ हमारे सहयोगी दृष्टिकोण ने इच्छा अनुरूप परिणाम प्राप्त किए हैं। एमएसएमई ने एआई(आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस), एमएल(मशीन लर्निंग) और रोबोटिक्स आदि के बारे में नवीनतम ज्ञान प्रदान करने वाला एक इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किया है, जो आसपास कहीं और नहीं है। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के अभियान में सहयोग देने वाले विवि में 13 स्टार्टअप संचालित किए जा रहे हैं।

विश्वविद्यालय प्रसिद्ध टीसीएस आयन के सहयोग से इंजीनियरिंग और प्रबंधन के क्षेत्र में एक सहयोगी कार्यक्रम चला रहा है। इसके अतंर्गत छात्र न केवल प्लेसमेंट के दौरान उच्च वेतनमान प्राप्त कर रहे हैं, साथ ही अन्य साथी छात्रों को नौकरी प्रदान करने वाले स्व-नियोजित उद्यमी बनने की ओर भी बढ़ रहे हैं। विवि के 90 प्रतिशत विद्यार्थी कैंपस प्लेसमेंट या फिर आनलाइन इंटरव्यू के बाद रोजगार पा चुके हैं।


उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय वाणिज्य और प्रबंधन, इंजीनियरिंग, कृषि, आयुर्वेद, शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न नौकरी और कौशल उन्मुख यूजी, पीजी और डॉक्टरेट डिग्री प्रदान करता है। फैशन, आतिथ्य, कानून, संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान, फार्मेसी, पुनर्वास, मानविकी, जैव प्रौद्योगिकी आदि विषयों में भी डिग्री कोर्सेस पढ़ाए जाते हैं। हमारे यहां संचालित किए जाने वाले तमाम कोर्सों में कुछ विशेष कोर्स बी.टेक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एंड मशीन लर्निंग, डाटा साइंस, बी.टेक क्लाउड टेक्नोलोजी एंड साइबर सिक्योरिटी, बी.टेक एयरोस्पेसिंग, बीबीए एविएशन, बीसीए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एंड डाटा साइंस, बीसीए क्लाउड टेक्नोलाजी एंड साइबर सिक्योरिटी, बीएससी कंप्यूटिंग पढ़ाए जा रहे हैं।


बी.टेक एअरोस्पेस और बीबीए इन एविएशन एंड ट्रैवल कोर्सों की उपयोगिता के सवाल पर चांसलर सचिन गुप्ता ने कहा कि दरअसल एक एअरोस्पेस इंजीनियर के लिए सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं, इन क्षेत्रों में अच्छे इंजीनियरों की बड़ी मांग है। इतना ही नहीं बहुराष्ट्रीय कंपनियों में भी बड़ी संख्या में एअरोस्पेस इंजीनियर चाहिए। एक एअरोस्पेस इंजीनियर सैनिक और सिविल एअर क्राफ्ट को डिजाइन करता है, डवलप करता है, टेस्ट करता और एअर क्राफ्ट की परफोर्मेंस को मैंटेन रखता है।

इन इंजीनियरों के लिए एअरफोर्स में, एअरलाइन्स, कार्पोरेट रिसर्च कंपनियों में, हेलीकाप्टर कंपनियों में, रक्षा मंत्रालय में, इसरो में, एविएशन कंपनियों में, फ्लाइंग क्लबों में, डीआरडीओ में, एअरोनाटिकल लैबोरेटरियों में, एअरक्राफ्ट बनाने वाली कंपनियों में के अलावा तमाम सरकारी सेवाओं में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। इसी प्रकार एविएशन में बीबीए करने वाले विद्यार्थी के पास एअरलाइन कंपनियों में रोजगार पाने के अवसर हैं। इनको असिस्टेंट मैनेजर, एअरपोर्ट मैनेजर, सेफ्टी, मैंटेनेंस मैनेजर, ग्राउंड स्टाफ मैनेजर, कार्गो मैनेजर आदि के पद हासिल हो सकते हैं।

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