Thursday, May 2, 2024
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GLA की अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में गणितीय विज्ञान में शोध पर चर्चा

  • जीएलए के गणित विभाग में आयोजित हुई अंतर्राश्ट्रीय कॉन्फ्रेंस, गणित के अधिकाधिक प्रयोग पर दिया बल


मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के गणित विभाग में ‘‘रीसेंट एडवांसेज इन मैथमेटिकल साइंसेज एंड इंटर डिसीप्लिनरी एरियाज‘‘ (रामसिया-22) पर अंतरराश्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ। कॉन्फ्रेंस में गणितीय विज्ञान में नई जानकारियों तथा खोजों से लाभान्वित होने एवं गणित के अधिकाधिक प्रयोग करने पर बल दिया।


मुख्य अतिथि भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एसईआरबी में वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. राजीव महाजन ने विद्यार्थियों को गणित की महत्ता और उसके प्रयोगों के बारे में विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि आने वाला समय तकनीक का होगा, जिसमें गणित का उपयोग अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। क्योंकि डाटा विज्ञान, मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग बढ़ने से सांख्यिकी का योगदान महत्वपूर्ण हो गया है।


कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले के जिलाधिकारी सचिन कुमार वैश्य ने समझाया कि गणित किस प्रकार से मानव जीवन से जुड़े पहलुओं को आसान बनाने में योगदान दे सकता है। जीएलए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता ने कहा विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष अलग-अलग विषयों पर राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित करता रहा है। ऐसे आयोजन से छात्रों एवं अध्यापकों को उनके क्षेत्र में हो रहे नवीनतम शोध कार्यों की जानकारी मिलती है। साथ ही उन्हें राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के लोगों से मिलने, सुनने व उनके अनुभवों को समझने का मौका करीब से मिलता है तथा वह भी अपने क्षेत्र में नवीनतम उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं।


विभागाध्यक्ष व कार्यक्रम को-चेयर डाॅ. मनीष गोयल ने कांफ्रेंस की थीम प्रस्तुत की। विशिष्ट अतिथियों में एसएचआरएम इंडिया के डायरेक्टर एवं बिजनेस हेड आशीष कॉल, यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैंब्रिज यूके से प्रो. सनी बागनौजी, कंकाया यूनिवर्सिटी टर्की से प्रो. दुमित्रु बलेन्यु, नगोया यूनिवर्सिटी जापान से प्रो. काजुहारु बाम्बा, आईआईटी रोपर से प्रो. जितेंद्र कुमार, आईआईटी कानपुर से प्रो. जॉयदीप दत्ता, आईआईटी पटना से प्रोफेसर बालेंदु भूषण उपाध्याय, यूनिवर्सिटी ऑफ़ नेपल्स इटली से प्रो. अन्नामारिया बार्बेगैलो एवं प्रो. सेल्वेतोर कैपोजिला, एएमयू अलीगढ़ से प्रो. मो. अशरफ, साउथ एषियन यूनिवर्सिटी नई दिल्ली से प्रो. कपिल कुमार शर्मा, आईआईटी गुवाहटी से प्रो. श्रीनिवास नाटेशन, यूनिवर्सिटी आॅफ इलाहाबाद प्रयागराज से प्रो. अनूप चतुर्वेदी, बाॅन्ड यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया से प्रो. कुलदीप कुमार, हरैन यूनिवर्सिटी टर्की से प्रो. एच एम बास्कोनस, यूनिवर्सिटी ऑफ़ जुलुलैंड दक्षिण अफ्रीका से प्रो. श्यामला कृष्णानायर आदि वरिष्ठ वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे।


कॉन्फ्रेंस संयोजक डाॅ. उमेष कुमार षर्मा और डॉ. अमित कुमार सारस्वत ने बताया कि काॅफें्रस में देश-विदेश से 152 शोध पत्र ओमान, दक्षिण अफ्रीका, मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी गोरखपुर, सीएसजेएम यूनिवर्सिटी कानपुर, डॉ. बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी आगरा, एएमयू अलीगढ़, बीएचयू, वाराणसी, बीआईटीएस पिलानी हैदराबाद, एनआईटी, मणिपुर, विश्व भारती यूनिवर्सिटी पश्चिम बंगाल, कुमाऊं यूनिवर्सिटी नैनीताल, कर्नाटक यूनिवर्सिटी धारवाड़ कर्नाटक, पूर्वांचल यूनिवर्सिटी जौनपुर, दिल्ली यूनिवर्सिटी नई दिल्ली, मिथिला यूनिवर्सिटी बिहार, श्री माता वैष्णो देवी यूनिवर्सिटी कटरा, केआर मंगलम यूनिवर्सिटी हरियाणा, सेंट जेवियर कॉलेज गोवा, राजस्थान केंद्रीय यूनिवर्सिटी अजमेर, एलपीयू पंजाब, डीसीआर यूनिवर्सिटी सोनीपत हरियाणा, श्री गोविंद गुरु यूनिवर्सिटी गोधरा गुजरात, गवर्नमेंट आर्ट्स कॉलेज कोयंबटूर आदि प्रदेषों के विभिन्न संस्थानों से प्राप्त हुए। इनमें से 90 शोध पत्रों का प्रेजेंटेषन के लिए चयन किया गया।


काॅफें्रस के आयोजन में डीन रिसोर्स जनरेषन एंड प्लानिंग प्रो. दिवाकर भारद्वाज एवं डीन इंटरनेशनल रिलेशन एंड एकेडमिक कोलाॅबोरेशन प्रो. दिलीप कुमार षर्मा का सहयोग रहा। आयोजन सचिव डॉ. अर्चना दीक्षित, डॉ. मुकेश कुमार एवं डॉ. विनोद भारद्वाज ने प्रतिभागियों को वर्ष 2023 में कांफ्रेंस के द्वितीय संस्करण में पुनः सम्मिलित होने का आह्वान किया। डॉ. अंबुज कुमार मिश्रा व डॉ. पूजा पाठक द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। संचालन डॉ. स्वेता शुक्ला व डॉ. निशा गोदानी ने किया। महावीर शर्मा एवं राधेश्याम सोनी का आयोजन में सहयोग रहा।

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