Wednesday, April 24, 2024
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वेबिनार: संस्कृति स्कूल आफ फार्मेसी के छात्रों का विशेषज्ञ ने बढ़ाया ज्ञान


मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल आफ फार्मेसी द्वारा ‘डाकिंग द लीड फाइंडर’ विषय को लेकर आयोजित वेबिनार में मुख्य वक्ता सांथिरम कालेज आफ फार्मेसी नंदियाल, हैदराबाद में फार्मास्युटिकल एनालिसिस विभाग के प्रोफेसर डा. शिव शंकर रेड्डी.एल. प्रोफेसर ने वेबिनार में भाग ले रहे विद्यार्थियों और शिक्षकों को बताया कि डाकिंग एक मोलिक्यूलर तकनीकि है जिसका उपयोग प्रोटीन(एंजाइम) और छोटे अणुओं (लीगेण्ड्स) की आपस में प्रक्रिया करने के लिए किया जाता है।


ज्यूम पर आयोजित इस वेबिनार के द्वारा विद्यार्थियों के ज्ञान को बढ़ाने और जागरूकता के लिए विशेषज्ञ वक्ता द्वारा अपने संबोधन में बताया गया कि मालिक्यूलर डाकिंग एक महत्वपूर्ण साधन है जिसके माध्यम से अथवा जिसके उपयोग से अणुजैविकी जीव विज्ञान और दवाओं के शोध निर्माण कंप्यूटर एडेड ड्रग डिजाइन के द्वारा किया जाता है। इस तकनीकि में कंप्यूटर बता देगा कि दवाओं का शरीर पर कितना असर होगा।


प्रोफेसर रेड्डी ने कहा कि डाकिंग एक ऐसी तकनीक है जिसका उपयोग हम यह अनुमान लगाने में कर सकते हैं कि कैसे एक अणु दूसरे अणु से जुड़ता है और एक पूर्ण संरचना बनाता है। इस तकनीक के माध्यम से हम जान सकते हैं कि दो अणुओं की आपस में बंधने की क्षमता कितनी है।


उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रकार के डाकिंग साफ्टवेयर उपलब्ध हैं, जिनका उपयोग वह मुफ्त में आनलाइन तरीके से कर सकते हैं। वेबिनार में संस्कृति विवि और सांथिराम कालेज आफ फार्मेसी के सैंकड़ों विद्यार्थी भाग ले रहे थे। विद्यार्थियों ने वेबिनार में मुख्य वक्ता से सवाल कर अपनी जिज्ञासाओं को शांत किया और तकनीक के बारे में पूर्ण ज्ञान हासिल किया।


छात्रों और कर्मचारियों ने डॉकिंग द लीड फाइंडर के बारे में अपने ज्ञान को बढ़ाया और समृद्ध किया। प्रतिभागी को डॉकिंग का परिचय, केमस्केच-टू ड्रॉ स्ट्रक्चर्स, ओपन बेबेल- स्ट्रक्चर्स का इंटरकनवर्ज़न, बायोविया-विज़ुअलाइज़ेशन टूल, पाइआरएक्स-डॉकिंग प्लैट-फॉर्म, मैक्रोमोलेक्यूल की तैयारी, लिगैंड्स की तैयारी, डॉकिंग स्कोर, विज़ुअलाइज़ेशन के बारे में ज्ञान मिला। वेबिनार का आयोजन संस्कृति स्कूल आफ फार्मेसी की प्राचार्य प्रो. डा. वेंकटालक्ष्मी रंगनाथन की देखरेख में संपन्न हुआ।

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