Monday, April 29, 2024
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बझेड़ा गांव में बच्चों को अश्लीलता से बचाने चलाया जागरूकता अभियान

  • जी.एल. बजाज के प्राध्यापकों के प्रयासों की हुई सराहना


मथुरा। आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक प्रगति में जहां सूचना क्रांति ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है वहीं इसकी अश्लीलता (पोर्नोग्राफी) की जद में कम उम्र के बच्चों का आना समाज के लिए चिन्ता की बात है। बच्चों को अनजाने में पोर्नोग्राफी से कैसे बचाया जाए इसके लिए जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा के प्राध्यापकों ने गांव बझेड़ा के स्कूल में छात्राओं और आंगनबाड़ी से जुड़ी महिलाओं के बीच एक जागरूकता अभियान चलाया।


जागरूकता अभियान कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. अजय उपाध्याय द्वारा संस्थान के साथ-साथ यूबीए सेल के संक्षिप्त परिचय के साथ हुई। इस अवसर पर सोनम कुमारी ने कार्यक्रम के उद्देश्यों के साथ ही संस्थान के महिला प्रकोष्ठ और बेटी दिवस के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। आर. तानिया बेरा ने किशोरों को अनजाने में पोर्नोग्राफी से कैसे बचाया जा सकता है, उस पर सविस्तार अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि मोबाइल के अत्यधिक प्रयोग से अनिंद्रा, साइबर अपराध तथा बच्चों में खराब आदतें जन्म ले सकती हैं लिहाजा इससे सावधान रहने की जरूरत है।


इस जागरूकता अभियान में स्कूल के एक शिक्षक ने भी अपने अनुभव साझा किए। सार्वजनिक स्थानों पर छिपे हुए कैमरों की पहचान कैसे की जा सकती है, इस विषय पर डॉ. प्रवीण कुमार अग्रवाल ने अच्छी तरह से समझाया। जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के इन प्रयासों की शिक्षकों तथा आंगनबाड़ियों में कार्यरत महिलाओं ने मुक्तकंठ से सराहना की। गौरतलब है कि जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस द्वारा मथुरा जनपद के पांच गांवों को गोद लिया गया है, जहां समय-समय पर संस्थान के प्राध्यापकों द्वारा समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं।


संस्थान की निदेशक प्रो. (डॉ.) नीता अवस्थी ने कहा कि किसी भी शैक्षिक संस्थान का यह उत्तरदायित्व है कि वह युवा पीढ़ी को शिक्षा प्रदान करने के साथ ही सामाजिक सरोकार से भी वास्ता रखे। प्रो. अवस्थी ने कहा कि सूचना क्रांति के जहां लाभ हैं वहीं इसके नकारात्मक पहलुओं को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह हर अभिभावक का दायित्व है कि वह अपने बच्चों को सही दिशा दे। इतना ही नहीं निजता के अधिकार का उल्लंघन किये बिना सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिये सभी पक्षों के साथ विचार-विमर्श कर नए विकल्पों की खोज की जाए ताकि भविष्य में इसके सम्भावित दुष्प्रभावों से बचा जा सके।


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