नरेन्द्र सिंघल
कोसीकलां। छाता तहसील की एक मात्र नगर पालिका कोसीकलां का सबसे व्यस्ततम मार्ग कहे जाने वाले पुराना जीटी रोड पर स्थित घंटाघर देखरेख के अभाव में जर्जर हो गया है। जर्जर घंटाघर से गिर रहीं लेंटर की पर्त एवं ईटों से अब तक दर्जनो लोग चुटैल हो चुके है। पालिका प्रशासन की घोर लापरवाही की वजह से तकरीबन 50 वर्ष पूर्व बने घंटाघर पर अभी तक घडी नही लग पायी है। जवकि घंटाघर के नीचे रिक्सा, ढकेल एंव उसी के ही पास झाडी मजदूरो का भी रेला लगा रहता है।
उल्लेखनीय हो कि नगर वासियों की मांग पर सबसे व्यस्ततम मार्ग पुराना जीटी रोड पर करीब 50 वर्ष पूर्व तत्कालीन पालिकाध्यक्ष द्वारा नगर के ह्रदय स्थल कहे जाने वाले घन्टाघर का भव्य निर्माण कराया गया था। जानकार बताते हैं कि घन्टाघर पर उस कार्यकाल के बाद न तो प्लास्टर ही कराया गया और न ही घडी ही लगायी गयी।
बताया जाता है कि घन्टाघर पर लगाने के लिए दो अच्छी घडी मगवायी गयी थी जिसने नगर पालिका में ही समय दिखाते दिखाते दम तोड दिया। अब पालिका की देखरेख के अभाव में उक्त घन्टाघर धीरे धीरे जर्जर अवस्था मे पहुंच गया, जो कभी भी जमीजोद हो सकता है। लेकिन पालिका का इस ओर कोई घ्यान नहीं है। जवकि यह मार्ग रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड होते हुए कोकिलावन, नन्दगांव रोड से मिलता है। घंटाघर से लगातार गिर रही ईट व लेंटर की पर्ताे से दहशत मे आये लोगों ने अब पालिका प्रशासन पर सबाल उठाना शुरू कर दिया है।
उनका कहना है कि घन्टाघर के नीचे रेहडी वाले, रिक्से वाले एवं दिहाडी मजदूर हमेशा खडे रहे हैं। इतना ही नहीं घन्टाघर के नीचे कई स्कूली बसों का स्टॉपेज है। जहा से दर्जनो कॉलौनियों के बच्चे अपनी बसों का इन्तजार कर उनमे सवार होते हैं। इतना ही नहीं आसपास भी कई ऐसी दुकानें है कि अगर कोई अनहोनी हुई तो सैकडो लोग इसकी चपेट मे आ सकते है। नगर के लोगो ने पालिका की लापरवाही भरे रवैये से परेशान होकर जिला प्रशासन से तत्काल जर्जर घंटाघर के जीर्णाेद्धार कराने की मांग की है।