Monday, April 29, 2024
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के.डी. डेंटल कॉलेज में मौखिक रोगों के उपचार पर हुई कार्यशाला

अतिथि वक्ताओं ने सतत दंत चिकित्सा शिक्षा पर डाला प्रकाश

मथुरा। के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के मौखिक चिकित्सा एवं रेडियोलॉजी विभाग द्वारा राष्ट्रीय आईएओएमआर दिवस के अवसर पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें अतिथि वक्ताओं ने छात्र-छात्राओं को मौखिक रोगों के उपचार की अद्यतन जानकारी दी। कार्यशाला में पहले दिन महाविद्यालय के स्नातक छात्र-छात्राओं के लिए प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
महाविद्यालय के सभागार में आयोजित कार्यशाला के दूसरे दिन अतिथि वक्ताओं द्वारा सतत दंत चिकित्सा शिक्षा पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। इस अवसर पर अतिथि वक्ता डॉ. सुनीता गुप्ता (वरिष्ठ प्रोफेसर ओरल मेडिसिन और रेडियोलॉजी विभाग, मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज, नई दिल्ली) और डॉ. अम्बिका गुप्ता (वरिष्ठ प्रोफेसर ओरल मेडिसिन और रेडियोलॉजी विभाग, पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज, रोहतक) ने के.डी. डेंटल कॉलेज के छात्र-छात्राओं के साथ मौखिक चिकित्सा पर अपने अनुभव साझा किए।
डॉ. सुनीता गुप्ता ने मौखिक रोगों के निदान में दुविधाएं विषय पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि पंच तत्वों से बने इंसानी शरीर के किसी भी हिस्से में यदि किसी प्रकार का रोग लग जाए तो उस हिस्से के साथ ही पूरा शरीर प्रभावित हो जाता है। ऐसे ही अभिन्न अंगों में हमारे शरीर का मुंह भी है। डॉ. गुप्ता ने कहा कि मौखिक रोगों का यदि प्रारम्भिक चरण में ही पता चल जाए तो उसके उपचार में सहूलियत होती है।
डॉ. अम्बिका गुप्ता ने दंत चिकित्सा में विभिन्न प्रकार के रेडियोग्राफ्स को समझना और व्याख्या करना विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि चेहरे पर एक मुस्कराहट हमारे व्यक्तित्व को निखार देती है, वैसे ही सुंदर दांत हमारी मुस्कराहट में चार चांद लगा देते हैं। हम अपने शरीर के हर हिस्से पर ध्यान देते हैं, लेकिन अपने दांतों के बारे में तब सोचते हैं, जब इनमें कोई समस्या होती है जैसे दर्द, सूजन, पीलापन आदि। उन्होंने दांतों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया।
आर.के. एजूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल और प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने ऐसे कार्यक्रमों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे भावी दंत चिकित्सकों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है। प्राचार्य व डीन डॉ. मनेश लाहौरी ने कहा कि इस तरह के सेमिनार छात्र-छात्राओं को आधुनिक दंत चिकित्सा के क्षेत्र में वर्तमान अद्यतन ज्ञान और मौखिक रोगों के उपचार में इसके उपयोग के बारे में अधिक जानने में मदद करते हैं। ओरल मेडिसिन और रेडियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. विनय मोहन ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं छात्र-छात्राओं को दंत चिकित्सा के क्षेत्र में वर्तमान प्रगति के बारे में जागरूक और अपडेट रहने में मदद करती हैं।
कार्यशाला का लाभ लगभग तीन सौ छात्र-छात्राओं ने उठाया। कार्यशाला के समापन अवसर पर प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। अंत में प्राचार्य और डीन डॉ. मनेश लाहौरी ने अतिथि वक्ताओं का आभार माना। कार्यक्रम का संचालन डॉ. समीक्षा भारद्वाज ने किया।

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