Sunday, May 19, 2024
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प्रोस्थोडॉन्टिक्स में उपचार के बहुत सारे विकल्पः डॉ. सलोनी मिस्त्री

के.डी. डेंटल कॉलेज में प्रोस्थोडॉन्टिक्स- सीखने की अवस्था विषय पर हुआ व्याख्यान

मथुरा। के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में प्रोस्थोडॉन्टिक्स- सीखने की अवस्था विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता डॉ. सलोनी मिस्त्री ने कहा कि आप जो सुनते हैं, वह भूल जाते हैं, जो देखते हैं, वह याद रखते हैं और जो करते हैं, उसे समझते भी हैं। कार्यशाला का शुभारम्भ डॉ. मनेश लाहौरी डीन और प्राचार्य के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के स्वागत भाषण से हुआ।
डॉ. जी.डी. पोल फाउंडेशन के वाईएमटी डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल, नवी मुंबई की विभागाध्यक्ष प्रोस्थोडॉन्टिक्स डॉ. सलोनी मिस्त्री ने कहा कि प्रोस्थोडॉन्टिक्स के क्षेत्र में उपचार के बहुत सारे विकल्प हैं लेकिन हर एक मामले की सही उपचार योजना तथा उस विषय की गहरी समझ जरूरी है। सीडीई में डॉ. मिस्त्री ने स्नातक और स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं को रिमूवेबल और फिक्स्ड प्रोस्थोडॉन्टिक्स की मूल बातें सिखाईं।
पहले दिन डॉ. सलोनी मिस्त्री ने अपना व्याख्यान डेवन के प्रसिद्ध सिद्धांत को बताते हुए शुरू किया। उन्होंने कहा कि जो कुछ गायब है उसे सावधानीपूर्वक हटाने के बजाय जो कुछ बचा है उसका सतत संरक्षण अधिक महत्वपूर्ण है। इसके लिए व्यक्ति को उन प्रमुख सिद्धांतों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए जो निदान और उपचार योजना का मार्गदर्शन करते हैं। उन्होंने कार्यशाला में सम्पूर्ण डेन्चर में इम्प्रेशन बनाने के सिद्धांतों तथा नैदानिक तकनीक पर जानकारी दी। डॉ. मिस्त्री ने एफडीपी बनाम इम्प्लांट की आदर्श उपचार योजना तैयार करने पर भी प्रकाश डाला।
कार्यशाला के दूसरे दिन डॉ. मिस्त्री ने आरपीडी डिजाइनिंग के वैचारिक सिद्धांतों और बायोमैकेनिक्स तथा पारम्परिक से डिजिटल सीपीडी डिजाइनिंग में बदलते रुझानों पर व्याख्यान दिया। इतना ही नहीं उन्होंने छात्र-छात्राओं को रोगियों के 15 डेंटल कास्ट पर सर्वेक्षण और आरपीडी डिजाइनिंग के पीछे की सही तकनीक भी बताई। उन्होंने प्रत्येक छात्र को आरपीडी डिजाइनिंग तथा विभिन्न प्रकार के उपचार विकल्पों के बारे में भी समझाया। कार्यक्रम का समापन डॉ. सलोनी मिस्त्री द्वारा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरण के साथ हुआ। इस अवसर पर मुख्य वक्ता डॉ. सलोनी मिस्त्री की उपलब्धियों को देखते हुए प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया।

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