Thursday, May 9, 2024
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मस्तिष्क रोगियों के लिए वरदान बना के.डी. हॉस्पिटल का न्यूरोलॉजी विभाग

  • न्यूरोफिजीशियन डॉ. प्रिंस अग्रवाल के प्रयासों से लगभग एक सैकड़ा मरीज स्वस्थ
  • इनमें दिल्ली, आगरा, जयपुर आदि से लौटे मरीज भी शामिल

मथुरा। केडी मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर लगातार अपनी चिकित्सा सुविधाओं में विस्तार कर रहा है। इसी कड़ी में आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल और प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल के प्रयासों से यहां आधुनिकतम सुविधाओं से युक्त न्यूरोलॉजी विभाग का न केवल संचालन शुरू किया गया बल्कि बहुत कम समय में ही विशेषज्ञ न्यूरो फिजीशियन डॉ. प्रिंस अग्रवाल द्वारा लगभग एक सैकड़ा मस्तिष्क रोगियों का सफल उपचार किया गया। यहां लगभग एक दर्जन ऐसे गम्भीर मस्तिष्क रोगियों का भी उपचार हुआ जोकि दिल्ली, आगरा, जयपुर, भरतपुर आदि से निराश लौटे थे।
के.डी. हॉस्पिटल का न्यूरोलॉजी विभाग ब्रज मण्डल ही नहीं दूसरे राज्यों के मस्तिष्क रोगों से पीड़ित लोगों के लिए भी वरदान साबित हो रहा है। यहां मिर्गी (दौरे), फॉलिस (पैरालिसिस), सिरदर्द, लकवा, दिमाग के इंफेक्शन, कम्पन, कमर दर्द, गर्दन दर्द, नसों की सभी बीमारियां, दिमाग की ब्लीडिंग, पार्किन्सन, बेहोशी, नींद विकार आदि का सफल उपचार किया जा रहा है। हाल ही में डॉ. प्रिंस अग्रवाल द्वारा दूसरे शहरों के हॉस्पिटलों से लौटे चंदन सिंह, पूजा, अर्जिना खातून, राम सिंह, धारा सिंह आदि गम्भीर मस्तिष्क पीड़ितों का सफल उपचार कर उनके चेहरे पर मुस्कान लौटाई गई।
देश के सबसे बड़े न्यूरोलॉजी सेण्टर गोविन्द बल्लभ पंत नई दिल्ली में सेवाएं दे चुके न्यूरो फिजीशियन डॉ. प्रिंस अग्रवाल का कहना है कि सभी मस्तिष्क रोगों को मानसिक रोगों की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। मिर्गी, पार्किंसंस रोग तथा मल्टीपल स्केलेरोसिस जैसे विकार मस्तिष्क विकार हैं लेकिन इन्हें मानसिक बीमारियों के बजाय तंत्रिका सम्बन्धी रोग माना जाता है। डॉ. प्रिंस अग्रवाल बताते हैं कि मस्तिष्क रोग कई प्रकार के होते हैं तथा प्रत्येक के लक्षण भी अलग-अलग होते हैं।
डॉ. अग्रवाल का कहना है कि चूंकि के.डी. हॉस्पिटल में आधुनिकतम चिकित्सा उपकरण, निःशुल्क ओपीडी तथा 24 घण्टे आपातकालीन सेवाओं की व्यवस्था है लिहाजा मरीजों तथा उनके परिजनों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होती। सबसे अच्छी बात यहां के प्रबंधन का सेवाभावी नजरिया है। यहां बहुत कम खर्च में मरीजों को हर तरह की चिकित्सा सुविधाएं एक ही जगह पर मिल पाती हैं।
डॉ. अग्रवाल का कहना है कि बदलती लाइफ स्टाइल के चलते भी मस्तिष्क रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। यदि हमें मस्तिष्क की परेशानियों से बचना है तो खानपान पर ध्यान देने के साथ ही अपने रक्तचाप, शुगर पर विशेष नजर रखनी होगी। उन्होंने कहा कि मस्तिष्क रोग भी अन्य शारीरिक परेशानियों की ही तरह है लिहाजा यदि परेशानी होती है तो अच्छे न्यूरो फिजीशियन को दिखा लेना चाहिए। प्रारम्भिक अवस्था में ही रोग और उसकी वजह पता चलने से उपचार में कम समय लगता है। डॉ. अग्रवाल का सुझाव है कि यदि प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में नियमित रूप से योगाभ्यास करे तो वह कई तरह की बीमारियों से अपने आपको बचा सकता है। इनका कहना है कि योग न केवल व्यायाम का एक बेहतरीन रूप है बल्कि यह मस्तिष्क के लिए कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है। योग मांसपेशियों को मजबूत करने तथा हृदय प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद करता है। कुछ ऐसे आसन हैं जिनका दिमाग पर आरामदायक प्रभाव देखा गया है। योग तनाव को कम करने तथा मस्तिष्क की शक्ति में सुधार करने में मदद कर सकता है।

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