Wednesday, May 8, 2024
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के.डी. डेंटल कॉलेज में मना राष्ट्रीय ओरल पैथोलॉजिस्ट दिवस

भावी दंत चिकित्सकों को बताए कानूनी दिक्कतों से बचने के उपाय

मथुरा। के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के ओरल पैथोलॉजी विभाग द्वारा डॉ. एच.एम. ढोलकिया की स्मृति में पांचवां राष्ट्रीय ओरल पैथोलॉजिस्ट दिवस मनाया गया। अतिथि वक्ताओं ने जहां “डेंटल प्रैक्टिस में मेडिकोलीगल मुद्दों और फोरेंसिक ओडोन्टोलॉजी में अंतर्दृष्टि” विषय पर अपने अनुभव साझा किए वहीं संस्थान के स्नातक छात्र-छात्राओं ने ओरल पैथोलॉजी विषय से सम्बन्धित पोस्टर मेकिंग, रंगोली, साबुन नक्काशी और फेस आर्ट पेंटिंग जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से इसकी महत्ता प्रतिपादित की। कार्यक्रम का शुभारम्भ प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी तथा अतिथियों द्वारा डॉ. एच.एम. ढोलकिया के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।
इंडियन एसोसिएशन ऑफ ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल पैथोलॉजिस्ट के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में डॉ. लाहौरी ने छात्र-छात्राओं को डॉ. एच.एम. ढोलकिया के कृतित्व तथा व्यक्तित्व से अवगत कराया। विभाग द्वारा “डेंटल प्रैक्टिस में मेडिकोलीगल मुद्दों और फोरेंसिक ओडोन्टोलॉजी में अंतर्दृष्टि” विषय पर आयोजित सीडीई में अतिथि वक्ता डॉ. संदीप फौजदार, मैक्सिलोफेशियल सर्जन तथा मेडिकोलीगल सलाहकार ने दंत चिकित्सा पद्धति में चिकित्सीय लापरवाही और फोरेंसिक से संबंधित मौजूदा कानूनों तथा धाराओं के बारे में विस्तार से बताया।
डॉ. संदीप फौजदार ने कहा एक टीम के रूप में काम करने से चिकित्सा संबंधी त्रुटियां रुकती हैं तथा रोगी की सुरक्षा बढ़ती है। उन्होंने कहा कि दंत चिकित्सा पेशेवरों के रूप में हम हिप्पोक्रेटिक शपथ के प्रति प्रतिबद्ध हैं, जिसमें कहा गया है कि हमें अपने मरीजों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। इसलिए दंत चिकित्सक, डेंटल नर्स तथा अन्य टेक्निकल कर्मचारियों का पहला दायित्व रोगी की सुरक्षा है। अतिथि वक्ता ने कहा कि प्रत्येक दंत चिकित्सक को किसी भी संभावित नुकसान को सीमित करते हुए रोगी को सर्वोत्तम उपचार प्रदान करने के साथ ही सम्भावित जोखिम तथा लाभ सहित उपचार के सभी विकल्पों पर उससे चर्चा जरूर करनी चाहिए।
प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी ने बताया कि डेंटल रिकॉर्ड किसी मरीज की बीमारी के इतिहास, शारीरिक परीक्षण, निदान, उपचार और प्रबंधन का विस्तृत दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल से जुड़े कानूनी मुद्दों के बारे में आम जनता के बीच बढ़ती जागरूकता और कदाचार के मामलों में चिंताजनक वृद्धि के साथ, किसी भी चिकित्सक के लिए दंत रिकॉर्ड मुद्दों का सम्पूर्ण ज्ञान आवश्यक है।
विभागाध्यक्ष डॉ. उमेश ने डॉ. एच.एम. ढोलकिया के कृतित्व को याद करते हुए कहा कि किसी भी तरह की कानूनी परेशानी से बचने के लिए दंत चिकित्सकों को मेडिकोलीगल पहलुओं की जानकारी जरूर होना चाहिए। डॉ. राम बल्लभ ने बताया कि दंत चिकित्सकों को कानूनी दिक्कतों से बचने के लिए रोगी का रिकॉर्ड बनाए रखना चाहिए। राष्ट्रीय ओरल पैथोलॉजिस्ट दिवस पर स्नातक छात्र-छात्राओं के बीच पाथआर्ट प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। डॉ. अंकिता पटनायक ने अतिथि वक्ता का परिचय देने के साथ कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर सभी विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य तथा प्रशासनिक अधिकारी नीरज छापड़िया आदि उपस्थित रहे।
चित्र कैप्शनः राष्ट्रीय ओरल पैथोलॉजिस्ट दिवस पर अतिथि वक्ताओं के साथ छात्र-छात्राएं।

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