Saturday, April 27, 2024
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जब सुख संचारक कंपनी के मालिकों के घर सुभाष चंद्र बोस आऐ

विजय गुप्ता की कलम से

     मथुरा। चौरासी वर्ष पूर्व सुख संचारक कंपनी के स्वामी श्री विश्वपाल शर्मा के डैंपियर नगर स्थित आवास पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस आए थे तथा मथुरा के प्रमुख देशभक्तों के साथ बैठक कर आजादी की रूपरेखा पर चर्चा की थी।
उल्लेखनींय है पुराने जमाने में मथुरा की इस आयुर्वैदिक दवा कंपनी की धाक पूरे देश में थी तथा सुख संचारक कंपनी की दवाऐं हर प्रकार के रोगों में रामबाण का कार्य करती थीं। उसके मालिक श्री विश्वपाल शर्मा मथुरा के गिने चुने रईसों में से थे। खास बात यह है कि बाकी सभी रईस लोग कम पढ़े लिखे थे किंतु विश्वपाल जी उच्च शिक्षा प्राप्त थे।
विश्वपाल शर्मा जी एक ऐसे दरिया दिल देशभक्त थे जो अपने देश की आजादी के लिए हर समय तन मन धन से तत्पर रहते थे। यही कारण था कि देश की लगभग सभी बड़ी-बड़ी हस्तियां जब भी मथुरा आती थीं विश्वपाल जी के घर उनका आना-जाना रहता था। ऐसे लोगों में गांधीजी नेहरू जी भी थे। पंडित नेहरू तो विश्वपाल जी को अपना मित्र मानते थे।
एक बार ब्रिटिश हुकूमत देशभर के सभी खादी आश्रमों पर आक्रोशित हो गई तथा उन्हें बंद करा कर कब्जाने लगी। इस दौरान गांधीजी ने विश्वपाल शर्मा को फोन किया तथा कहा कि मथुरा के खादी आश्रम को कैसे भी गोरी सरकार से बचाओ, इस पर विश्वपाल जी ने खादी आश्रम का बोर्ड हटवा कर उसकी जगह सुख संचारक कंपनी का बोर्ड लगवा कर कह दिया कि अब यह सुख संचारक कंपनी में तब्दील हो चुका है। इससे कोई छेड़खानी नहीं की जाय। काफी जद्दोजहद के बाद मथुरा का खादी आश्रम ब्रिटिश हुकूमत के शिकंजे से बच गया।
उल्लेखनींय है कि मथुरा गैस सर्विस के स्वामी दिव्यपाल शर्मा उर्फ हक्कू बाबू विश्वपाल शर्मा जी के नाती हैं, तथा उद्योगपति एवं सज्जनता के प्रतीक स्व. श्री कामपाल शर्मा के पुत्र हैं। हक्कू बाबू बताते हैं कि देशभर के एक से बड़े एक नेताओं का हमारे बाबा से संपर्क था। पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम तो ऐसे गहरे मित्र थे कि एक बार वे एक माह से भी अधिक समय तक हमारे घर पर ही रहे।
मथुरा में पहली गैस एजेंसी उन्हें कैसे मिली इसका भी रोचक किस्सा हक्कू बाबू ने बताया। हक्कू बाबू बताते हैं कि एक बार इन्दिरा गांधी डैंपियर नगर स्थित महिला बाग में एक जनसभा को सम्बोधित करने आईं जनसभा के बाद उन्हें बाथरूम जाना था तब वहीं निकट में हक्कू बाबू की कोठी है उस समय के कांग्रेस नेता उनकी कोठी पर इन्दिरा गांधी को लाए। वहां उन्होंने चाय भी पी तथा कोठी की भव्यता को देख बड़ी प्रभावित हुईं। जब इन्दिरा जी हक्कू बाबू के पिताजी स्व.श्री कामपाल शर्मा से पारिवारिक जानकारी की तब उन्हें पता चला कि यह कोठी तो सुख संचारक कंपनी के मालिकों की है। इन्दिरा जी ने कहा कि अरे आपके फादर तो पंडित जी के दोस्त थे। इन्दिरा गांधी यह कह कर गईं कि कभी कोई काम हो तो बताना।
इसके काफी वर्षों बाद एक बार मौका आया जब हक्कू बाबू की इन्दिरा गांधी से मुलाकात हुई और सौगात में इन्दिरा जी ने उन्हें मथुरा की पहली गैस एजेंसी दी। घटना का ब्यौरा देते हुए हक्कू बाबू बताते हैं कि सादाबाद क्षेत्र के विधायक और प्रदेश के तत्कालीन मंत्री जावेद अली मेरे मित्र थे। मैंने जावेद से कहा कि कभी दिल्ली जाओ तो मैं भी चलूंगा मुझे इन्दिरा गांधी से मिलने की इच्छा है। कुछ ही दिन बाद दोनों का दिल्ली जाने का कार्यक्रम बना और पहुंच गए प्रधानमंत्री निवास।
जब जावेद अली ने हक्कू बाबू का परिचय कराया और बताया कि आप भी एक बार इनके घर चाय पी चुकी हैं। तथा पुरानीं बातें याद दिलाईं तो इन्दिरा गांधी बड़ी खुशी हुईं और हक्कू बाबू से कुशल क्षेम पूछ कर बोलीं कि अब पारिवारिक स्थिति कैसी है तथा सुख संचारक कंपनी की क्या दशा है? इस पर हक्कू बाबू ने कहा कि मैडम दशा जीरो है। इस पर इन्दिरा गांधी बोलीं कि मथुरा में कोई गैस एजेंसी है क्या? इस पर हक्कू बाबू बोले कि नहीं। इसके बाद उन्होंने तुरंत अपने निजी सहायक को बुलाकर आदेश दिए कि इन्हें शीघ्र गैस एजेंसी दी जाए। बस फिर क्या था कुछ समय में ही मथुरा की पहली गैस एजेंसी मथुरा गैस सर्विस के नाम से शुरु हो गई।
उल्लेखनीय है कि भले ही आज सुख संचारक कंपनी की धाक नहीं है किंतु उद्योगपति दिव्यपाल शर्मा उर्फ़ हक्कू बाबू अपने पूर्वजों की शान को बनाए हुए हैं और उनकी ऐसी धाक है कि लखनऊ से लेकर दिल्ली तक उनका झंडा ऊंचा है कोई भी कैसा भी काम हो उसे चुटकियों में करा लेते हैं किससे कैसे काम निकालना है वे इस कला में महारत हासिल किए हुए हैं। किंतु यदि किसी दूसरे का कोई काम आन पड़े तो वे आसानी से हाथ नहीं आते तथा झट से पतली गली में होकर निकल जाते हैं यह भी उनकी कला का दूसरा पहलू है।
हक्कू बाबू को एक बार राजनीति का चस्का भी लगा किंतु उनके एक अन्य साथी जो खुद राजनीति में है को यह बात नागवार गुजरने लगी इस पर हक्कू बाबू की धर्मपत्नी श्रीमती किरण शर्मा ने उन्हें समझाया कि क्यों आप इस गंदगी में जा रहे हो एक दोस्त बनेगा और दसों से दुश्मनी बंधेगी। उन्होंने हक्कू बाबू को सलाह दी कि इस गंदगी को छोड़ो और रतन टाटा बनो।
हक्कू बाबू जो हमारे खास मित्र भी हैं ने पत्नी उपदेश को शिरोधार्य किया तथा इस समय वे एक प्रकार से मथुरा के रतन टाटा हैं। उनके उद्योग व्यापार मथुरा ही नहीं विदेशों तक में हैं। अच्छी बात यह है कि वह अपने पूर्वजों के दिए सुसंस्कारों को संजोए हुए हैं। ईश्वर उन्हें शतायु करें।
हक्कू बाबू के संपर्क नंबर 9719069154 – 9068801508 हैं।

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