वृन्दावन। राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह ने केशवधाम के समीप डा. केशवराव हेडगेवार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण किया और कोरोना वैक्सीनेशन की स्थिति जारी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सीएचसी व पीएचसी के औचक निरीक्षण पर निकली राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह मंगलवार की दोपहर हेडगेवार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची। उन्होंने सबसे टीकाकरण योजना की वस्तुस्थिति जानी।
केंद्र अधीक्षका डॉक्टर स्वाति से कोविड केयर सेंटर व प्रसव केंद्र के बारे में बताया। निरीक्षण के उपरांत आयोग की उपाध्यक्ष ने बताया कि उनके द्वारा कई जनपदों के स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण किया गया है। जिसमे मुख्य रूप से वेक्सिनेशन पर फोकस किया जा रहा है।जिसमे महिलाओ को वैक्सीन लगवाए जाने पर कोई असुविधा न हो इसका विशेष ध्यान रखे जाने पर जोर दिया जा रहा है। इसके अलावा युवतियों व महिलाओं को टीकाकरण के लिये प्रेरित किया जायेगा।
मथुरा। नगर निगम के कई क्षेत्रों में गर्मी में गहराए पेयजल संकट के चलते सड़कों पर आए लोगों के बाद निगम प्रशासन जाग गया है। मंगलवार को मथुरा वृंदावन नगर निगम के मेयर डॉ. मुकेश आर्य बंधु ने पेयजल सप्लाई की समस्या को लेकर जलकल के अधिकारियों के साथ बैठक की।
मेयर डॉ. मुकेश आर्य बंधु ने जल कल के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि शहर के किसी भी क्षेत्र में पेयजल सप्लाई बाधित नहीं होनी चाहिए। अगर किसी तकनीकी कारणों से बाधित हो भी जाती है तो अतिरिक्त टैंकर लगाकर लोगों तक पेयजल पहुंचना चाहिए।
डॉ. मुकेश आर्य बंधु ने बताया विगत दिनों गंगा जल सप्लाई की पाइप लाइन में सिल्ट जमा होने से पर्याप्त सप्लाई नहीं हो पाई, जिससे कुछ क्षेत्रों में पानी की समस्या उत्पन्न हुई। लेकिन अतिरिक्त टैंकर और ट्यूबेल के माध्यम से सभी लोगों तक पेयजल पहुंचाने का काम किया जा रहा है। अब लोगों को पेयजल समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
वृन्दावन। मथुरा-वृंदावन मार्ग स्थित आईटीआई कॉलेज परिसर में ड्राइविंग टे्रनिंग स्कूल का मंगलवार को शुभारंभ हुआ। हालांकि इस नवीन परिसर का शुभारंभ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा पूर्व में ही किया जा चुका था,जिसके बाद सभी व्यवस्थाएं पूर्ण होने के साथ ही मथुरा सहित प्रदेश के 15 जिलों में नवीन भवन से ड्राइविंग टे्रनिंग स्कूल के सभी कार्य शुरू हो गए हैं।
आपको बता दें कि मथुरा वृंदावन मार्ग पर स्थित आईटीआई कॉलेज के निकट स्थित एआरटीओ कार्यालय की नई बिल्डिंग से वाहनों के लाइसेंस एवं फिटनेस संबंधी कार्य किया जाएंगे। तो वहीं टाउनशिप स्थित पुराने भवन में रजिस्ट्रेशन एवं टैक्स संबंधी कार्य होंगे।
वाहन लाइसेंस बनवाने के लिए पहले दिन दर्जनों आवेदक पहुंचे, जिन्होंने नवीन परिसर में स्थित ट्रैक पर वाहन चलाकर टेस्ट दिया। वहीं मथुरा जनपद के वरिष्ठ एआरटीओ लक्ष्मण प्रसाद सहित आर आई नीतू शर्मा एवं वरिष्ठ लिपिक धर्मेंद्र शर्मा ने वाहन चालकों को नए ट्रैक के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए उन्हें आराम से वाहन चलाए जाने के जानकारी भी दी।
इस संबंध में एआरटीओ प्रशासन लक्ष्मण प्रसाद ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के अनुसार ड्राइविंग टे्रनिंग स्कूल आज नए भवन में शुरुआत हो गई है। इस अवसर पर संभागीय परिवहन कार्यालय के अधिकारी भी मौजूद रहे। यहां ड्राइविंग टे्रनिंग और लाइसेंस संबंधी कार्य किए जाएंगे।
मथुरा। शहर और आसपास के रोगियों की को ह्रदय संबंधी बीमारी के उपचार के लिए दूर अन्य शहरों में नहीं जाना पड़ेगा। हाईवे स्थित सिटी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में अब हार्ट के गंभीर मरीजों को उपचार मिलेगा। अस्पताल में ह्रदय एवं नसों की बीमारी के साथ-साथ बाईपास सर्जरी ,वॉल्व एवं किसी भी हृदय सम्बन्धी समस्या, पैरों की नसों में खून का थक्का या रुकावट वैरिकोस वीन की समस्या, दिल की तमाम बीमारियों का उपचार किया जाएगा।
सिटी सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल में फरीदाबाद के मैक्स ,फोर्टिस, क्यूआरजी हॉस्पिटल की वरिष्ठ चिकित्सक नीरज वशिष्ठ अपनी ओपीडी सेवा शुरू करेंगे। हर महीने की 15 और 30 तारीख को डॉक्टर नीरव बंसल , हार्ट के मरीजों का इलाज करेंगे। सामान्य रूप से दिल के गंभीर मरीजों का उपचार अब सिटी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में संभव होगा। डॉ. नीरव बंसल 100 से अधिक ओपन हार्ट सर्जरी कर चुके हैं।
सिटी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ गौरव भारद्वाज ने बताया कि अब हार्ट के गंभीर मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। सिटी सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दे रहे वरिष्ठ हार्ट विशेषज्ञ डॉक्टर नीरज बंसल ने कहा कि हर्ट के गंभीर मरीजों का उपचार अब सिटी सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल में किया जाएगा।
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी सोमवार 21 जून से रात्रिकालीन कोरोना कफ्र्यू में और छूट का ऐलान किया है। उन्होंने निर्देश दिया है कि रात्रिकालीन कोरोना कफ्र्यू रात्रि 9 बजे से अगले दिन सुबह 7 बजे तक प्रभावी होगा। इसके अलावा कोविड प्रोटोकॉल के साथ रेस्टोरेंट को 50 फीसदी क्षमता के साथ खोला जा सकेगा। वहीं पार्क, स्ट्रीट फूड आदि के संचालन की अनुमति भी दी जाएगी। इन सभी स्थलों पर कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना अनिवार्य होगी। सीएम ने निर्देश दिया है कि नई व्यवस्था के संबंध में विस्तृत गाइडलाइंस जारी कर दी जाए।
कोविड संक्रमण के दृष्टिगत बेहतर होती स्थितियों के बीच आगामी सोमवार, 21 जून से रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू में और छूट दी जाएगी।
रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू रात्रि 09 बजे से अगले दिन सुबह 07 बजे तक प्रभावी होगा: #UPCM श्री @myogiadityanath जी
इस बीच प्रदेश के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि पिछले 24 घण्टे में 339 कोरोना पॉज़िटिव मिले। प्रदेश में पिछले 24 घण्टे में 1116 संक्रमित डिस्चार्ज किये गए. प्रदेश में एक्टिव इंफेक्शन के 8 हज़ार 111 केस हैं, इनमें से 4 हज़ार 849 संक्रमित होम आइसोलेशन में है। प्रदेश में 74 लोगों की मौत हुई है. रिकवरी रेट 98.2 फ़ीसदी हो गया है।
मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय के प्रबंधन संकाय के छात्रों को ‘परिस्थतियों में सफलता‘ प्राप्त करने के गुर बताते हुए जकुआर गु्रप एचआर हैड नरेन्द्र आर्य ने कहा कि सफल होने के कई रास्ते हैं। निर्भर यह करता है कि आप किस रास्ते को चुनते हैं। इसमें यह बात भी मायने रखती है कि वह रास्ता आपके लिए कितना उपयुक्त है, लेकिन सफल लोगों में एक बात समान होती है, वह कुछ खास आदतें विकसित कर लेते हैं, जिन्हें हर रोज दोहराते हैं। फिर परिस्थितियां कुछ भी हों। यही आदतें सफलता के दरवाजे खोल देती हैं।
प्रबंधन संकाय के छात्रों के लिए ‘परिस्थतियों में सफलता‘ विशय पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। जकुआर गु्रप एचआर हैड एवं कॉर्पोरेट एडवाइजरी बोर्ड जीएलए के सदस्य नरेन्द्र आर्य ने छात्रों को प्रबंधन के गुर बताते हुए कहा कि जीवन बहुत आसान नहीं है। यह जीवन संघर्षों से भरा हुआ है। इन संघर्षों से जूझने और इन पर सफलता पाने के लिए रणनीति तय करने की जरूरत है। आज के समय किताबी ज्ञान से अधिक प्रैक्टिकल ज्ञान की जरूरत है। छात्रों को मैनेजमेंट के बारे में जानकारी लेने की जरूरत है। इसके लिए सफल लोगों के बारे में अधिक से अधिक पढ़ना होगा।
उन्होंने बताया कि जकुआर कंपनी ने किस तरह इस महामारी के दौरान अपने 10 हजार से अधिक कर्मचारियों को ट्रेंड किया और गु्रप को बढ़ाने में मदद मिली। अंत में उन्होंने विश्वविद्यालय की उच्च षिक्षा पर गर्व महसूस करते हुए कहा कि जीएलए में प्रैक्टिकल ज्ञान के लिए बहुत संसाधन मौजूद हैं। इन्हीं संसाधनों के माध्यम से सफलता हासिल करने के लिए लक्ष्य निर्धारित करें। रोजगार की कमी नहीं है। कमी है तो सिर्फ अपने लक्ष्य को साधकर उसे हासिल करने की।
इससे पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. विकास त्रिपाठी एवं टेज्निंग एण्ड प्लेसमेंट विभाग सीनियर मैनेजर कॉर्पोरेट रिलेशन मुकुट बल्लभ दुबे ने कहा कि ज्ञान और कौशल ऐसे हथियार हैं जो रोजगार हासिल करने के साथ कॅरियर के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करते हैं। इसलिए अपने ज्ञान को लगातार बढ़ाते रहना चाहिए। कार्यक्रम के अंत में अतिथि और छात्रों को धन्यवाद दिया। इस मौके पर विभाग के असिस्टेंट प्रो. सैयद मौ0 मुनीब मौजूद रहे।
बच्चों के व्यक्तित्व विकास के लिए कल्चरल गतिविधियां जरूरीः डॉ. रामकिशोर अग्रवाल
मथुरा। राजीव इंटरनेशनल स्कूल द्वारा आयोजित एक पखवाड़े के समर कैम्प का मंगलवार को समापन हुआ। इस समर कैम्प में कक्षा एक से आठ तक के छात्र-छात्राओं को उनकी अभिरुचि के अनुसार कल्चरल गतिविधियों में पारंगत किया गया। छात्र-छात्राओं ने शिविर को उपयोगी बताते हुए उसकी जमकर प्रशंसा की।
राजीव इंटरनेशनल स्कूल की एकेडमिक कोऑर्डिनेटर प्रिया मदान ने बताया कि नर्सरी से कक्षा आठ तक के छात्र-छात्राओं की प्रतिभा को निखारने के लिए स्कूल प्रबंधन द्वारा एक से 15 जून तक ऑनलाइन समर कैम्प का आयोजन किया गया। इस शिविर में बच्चों को मनोरंजनात्मक ढंग से विविधि गतिविधियों के माध्यम से उनके कौशल को निखारा गया। छात्र-छात्राओं को ट्रिकी मैथ्स, ग्राफिक्स डिजायनिंग, कोडिंग, वैदिक मैथ्स, फायरलेस फूड, कैलीग्राफी प्ले विद एक्सल, क्ले मॉडलिंग, ज्वैलरी मेकिंग, आरोगेमी, एरोबिक्स, योगा तथा बेस्ट आउट आफ द वेस्ट आदि गतिविधियों की जानकारी दी गई। इन मनोरंजनात्मक क्रियाकलापों में छात्र-छात्राओं ने न केवल बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया बल्कि अपने-अपने वीडियो और पिक्चर भी भेजे।
आर.के. एज्यूकेशन हब के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि शिक्षा के साथ ही विभिन्न कल्चरल गतिविधियों का अपना विशेष महत्व है। ऐसी गतिविधियों से छात्र-छात्राओं का व्यक्तित्व विकास होता है तथा उनमें कुछ नया करने की इच्छा जागृत होती है। डॉ. अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं से शिविर में सीखी बातों को दैनिक जीवन में अमल में लाने को कहा। उन्होंने ऐसे प्रयास के लिए स्कूल के शिक्षकों की प्रशंसा की तथा अभिभावकों को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
स्कूल के प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने कहा कि इस एक पखवाड़े के समर कैम्प का उद्देश्य छात्र-छात्राओं की प्रतिभा को निखारना था। यह खुशी की बात है कि शिविर के प्रति छोटे-छोटे बच्चों में काफी दिलचस्पी रही। श्री अग्रवाल ने राजीव इंटरनेशनल स्कूल के शिक्षकों की तारीफ करते हुए कहा कि शिक्षा के साथ-साथ बच्चों के मन को तरोताजा रखने कि लिए उन्हें कल्चरल गतिविधियों की जानकारी देना जरूरी था। मुझे पूरा विश्वास है कि ऐसी गतिविधियों से छात्र-छात्राओं में कुछ नया करने की अभिरुचि जरूर पैदा हुई होगी।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की दसवीं और बारहवीं कक्षा के मूल्यांकन मानदंड कल यानी 16 जून को जारी किया जा सकता है। मीडिया रिपोट्र्स के मताबिक अभी बोर्ड की तरफ से इस तरह की कोई घोषणा नहीं की गई है। लेकिन कहा जा रहा है कि सीबीएसई बोर्ड की तर्ज पर कल तक यूपी बोर्ड भी रिजल्ट के लिए मूल्यांकन मानदंड की घोषणा कर सकता है कि आखिर विद्यार्थियों के रिजल्ट किस आधार पर घोषित किया जाएगा। आपको बता दें कि इस बार में छात्रों अभिभावकों और कॉलेजों के प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों से भी सुझाव लिए गए थे।
इस साल यूपी बोर्ड की दसवीं और बारहवीं कक्षा में कुल 55 लाख विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है। कोरोना संक्रमण के कारण रद्द हुई परीक्षा के बाद अब उन्हें अपने रिजल्ट का इंतजार है। इस साल हाई स्कूल के लिए 29 लाख एवं इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षाओं के लिए 26 लाख छात्र-छात्राओं के पंजीकरण कराया था। यूपीएमएसपी की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला की अध्यक्षता में गठित समिति मूल्यांकन मानदंड का अंतिम फॉर्मूला तैयार कर रही है जिसकी रिपोर्ट का इंतजार है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कह चुके हैं कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का रिजल्ट तैयार करने के लिए अंतिम फॉर्मूले को जल्द से जल्द विद्यार्थियों के अभिभावकों को उपलब्ध कराया जाए। उनका कहना था कि परीक्षाएं आयोजित न होने और वैकल्पिक पद्धति से रिजल्ट जारी किये जाने की स्थितियों में सभी विद्यार्थियों को अंक-सुधार का अवसर दिया जाना चाहिए। इस साल इंटर्नल एसेसमेंट होने के कारण मेरिट जारी न करने के भी निर्देश बोर्ड को दिए गए हैं।
मथुरा। कोरोना कर्फ्यू के अनलॉक होते ही फिर से लोग कोरोना संक्रमण को लेकर बेपरवाह हा गए हैं। जहां महामारी को लेकर जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम अलर्ट मोड में है। वहीं लोग कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं। काबिलेगौर बात यह है कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी बेपरवाह लोगों की अनदेखी कर रहे हैं।
मथुरा के बाजारों, मंदिरों, अस्पतालों और रोड किनारे लगने वाली रेहड़ियों पर लोग कोरोना संक्रमण से बचने के सुरक्षात्मक उपाय नहीं कर रहे हैं। न ही मुंह पर मास्क लगा रहे हैं और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। न ही सेनेटाइज कर रहे हैं। यह बेपरवाही फिर से मथुरा में कोरोेना संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है। काबिलेगौर बात यह है कि अस्पतालों में भी मरीज और उनके तीमारदार कोरोना के नियमों की पालन नहीं कर रहे हैं। उपचार के लिए रोगियों और उनके तीमारदारों की लंबी लाइन लगी है। वह सभी एकदूसरे से पहुत ही पास खड़े हो रहे हैं। जिससे कोरोना संक्रमण फैलने का सबसे ज्यादा खतरा बना हुआ है।
कोविड-19 के नोडल अधिकारी डा. भूदेव सिंह का कहना है कि कोरोना संक्रमण अभी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। हां अब कोेरोना केस कम सामने आ रहे हैं। इसका मतलब यह है कि कोरोना महामारी खत्म हो गई है। इस समय लोगों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरुरत है। कोरोेना के नियमों का पालन करना ही संक्रमण से बचाव है। लोग मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और हाथों को समय-समय धोना चाहिए। इसे लेकर सख्ती की आवश्यकता है। पुलिस प्रशासन को भी कोरोना नियमों का कराने पर जोर देना चाहिए। तभी हम सभी कोरोना महामारी से जंग पूरी तरह जीत सकते हैं।
नई दिल्ली। देश में कोरोना वैक्सीन लगने के बाद पहली मौत की पुष्टि हो चुकी है। वैक्सीन की वजह से 68 साल के एक बुजुर्ग की मौत हो गई है। ये बात केन्द्र सरकार की ओर से गठित पैनल की रिपोर्ट में सामने आई है। इंडिया टुडे ने दावा किया कि ये रिपोर्ट उसके पास है।
इस कमेटी ने वैक्सीन लगने के बाद हुई 31 मौतों का असेसमेंट करने के बाद निश्चित किया कि 68 साल के एक बुजुर्ग की मौत वैक्सीन लगने के बाद एनाफिलैक्सीस से हुई है। ये एक तरह से एलर्जिक रिएक्शन होता है। बुजुर्ग को 8 मार्च 2021 को वैक्सीन की पहली डोज लगी थी और कुछ ही दिन बाद उसकी मौत हो गई थी।
तीन और मौतों की वजह वैक्सीन को माना गया है, लेकिन अभी पुष्टि होना बाकी है। सरकारी पैनल की रिपोर्ट कहती है कि वैक्सीन से जुड़े हुए अभी जो भी रिएक्शन सामने आ रहे हैं। उनकी उम्मीद पहले से ही थी। जिन्हें मौजूदा साइंटिफिक एविडेंस के आधार पर वैक्सीनेशन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। ये रिएक्शन एलर्जी से संबंधित या एनाफिलैक्सीस जैसे हो सकते हैं।
एईएफआई कमेटी के चेयरमैन डा. एनके आरोड़ा ने इडिया टुड से पहली मौत की पुष्टि की है। हालांकि उन्होंने इस मामले में आगे कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है।