Thursday, June 26, 2025
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लव जिहाद:पीड़िता का आरोप- ब्राह्मण बनकर शादी की, ससुराल पहुंची तो लड़का निकला मुस्लिम

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बहराइच। जिले में लव जिहाद का एक मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि एक मुस्लिम युवक ने ब्राह्मण बनकर लड़की को अपने प्रेमजाल में फंसाया और फिर उससे शादी की। शादी के बाद लड़की जब उसके घर पहुंची तो पता चला की वह ब्राह्मण नहीं मुस्लिम है। अब पीड़िता ने युवक के खिलाफ लव जिहाद कानून के तहत मामला दर्ज कराते हुए न्याय की गुहार लगाई है।

जानकारी के अनुसार, बहराइच के विशेश्वरगंज इलाके में महाराजगंज जिले से आई एक युवती ने अपने पति के ऊपर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं। युवती सीता का आरोप है कि सरकाही गांव का शहंशाह खान नाम का युवक ने हिंदू बनकर उसके साथ प्रेम किया और खुद को ब्राह्मण बताकर शादी की।

घर पहुंचने के बाद पता चला युवक मुस्लिम है

पीड़िता के मुताबिक, शादी के बाद ससुराल पहुचने पर पता चला कि जिस युवक से उसने प्रेम विवाह किया है, वह हिंदू नहीं बल्कि मुस्लिम है। जब मैंने इस बात का विरोध किया युवक ने उसके साथ नशीली गोली खिलाकर जबरन यौन शोषण किया। युवक के द्वारा लगातार कई दिनों तक उसे हाई पावर डोज की नशीली दवाइयां खिलाई गयी और बंधक बनाकर रखा गया। यही नहीं युवती के द्वारा विरोध करने पर युवक और उसके परिजनों के द्वारा जमकर पिटाई भी की गई।

अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) कुंवर ज्ञानन्जय सिंह ने बुधवार को बताया कि महराजगंज के नौतनवा इलाके की रहने वाली, स्वयं को हिन्दू बता रही 22 साल की एक युवती ने 18 मई को बहराइच जिले के थाना विशेश्वरगंज में शिकायत दर्ज करायी कि थाना क्षेत्र के सरकाही गांव निवासी मुस्लिम युवक शहंशाह खान ने स्वयं को हिन्दू बतलाते हुए उससे जबरदस्ती शादी की है।

महिला का आरोप है कि शहंशाह उससे जबरन शारीरिक संबंध बनाता है और परिवार के लोग उसे मारते पीटते हैं। एएसपी ने बताया कि आरोपों के आधार पर दुष्कर्म, मारपीट व 3/5 उ0प्र0 विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिबंध कानून 2020 की धाराओं में मामला दर्ज हुआ है।

टेलीफोन से शुरू हुआ प्यार, फिर हुई शादी

अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि, प्रकरण की जांच की गई तो ज्ञात हुआ कि पीड़िता की शहंशाह से टेलीफोन से बात होती रहती थी। इस दौरान दोनों की दोस्ती हो गयी और शादी करके दोनों थाना विशेश्वरगंज अंतर्गत ग्राम सरकाही में करीब तीन माह पूर्व आकर रहने लगे। बाद में दोनों के बीच लड़ाई झगड़ा होने लगा जिसकी शिकायत थाने तक आती थी व दोनों आपस में सुलह करके वापस चले जाते थे। मंगलवार को युवती ने युवक पर नए आरोप लगाए हैं।

एएसपी के अनुसार, प्रथमदृष्टया लव जिहाद का मामला संदिग्ध लग रहा है। सिंह ने बताया कि पंजीकृत अभियोग के आधार पर आरोपी पति को पूछताछ के लिए थाने पर लाया गया है। युवती की तहरीर पर आरोपी युवक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।

शादी के 13 दिन बाद ही दूल्हे की कोरोना से मौत, पिता की भी हालत गंभीर

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बठिंडा। बठिंडा में कोरोना लगातार अपना कहर बरसा रहा है और मौतें का सिलसिला भी लगातार जारी है। बठिंडा में कोरोना के साथ एक नौजवान की मौत हो गई जिसका विवाह सिर्फ 13 दिन पहला ही हुआ था। हालांकि उक्त नौजवान की रैपिड टैस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी परंतु इसके बाद भी उसकी तबियत ख़राब हो गई। 

जानकारी के अनुसार 27 वर्षीय रोहित गुप्ता पुत्र बुद्धराम की सेहत कुछ दिन पहले ख़राब हो गई थी। परिवार ने उसकी कोरोना जांच के लिए रैपिड टैस्ट करवाया जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई जबकि उसके पिता और बहन की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। परंतु इस के बाद भी नौजवान को खांसी और सांस लेने में परेशानी बढ़ती गई। 

नौजवान घर में ही आइसोलेट था जहां बीते दिन ही उसने दम तोड़ दिया। नौजवान वैलफेयर सोसाइटी के सदस्यों ने उसका अंतिम संस्कार करवाया।पारिवारिक सदस्यों ने बताया कि उनके बेटे का 13 दिन पहले ही विवाह हुआ था। उन्होंने बताया कि मृतक का पिता भी दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती है और उनकी हालत भी गंभीर बनी हुई है। हालांकि उसकी बहन की हालत भी स्थिर बतायी जा रही है और वह भी घर में ही क्वारंटाइन है। सिर्फ़ 13 दिन पहले जिस घर में खुशियों का माहौल था आज वह दुखों में बदल गया। इलाके में भी युवक की मौत के कारण शोक की लहर है।

यूपी में पिछले 24 घंटों में 7336 कोरोना पॉजिटिव मिले, 282 की मौत

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित 282 और लोगों की मौत हो गई। 7336 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग से जारी रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित 282 और लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही राज्य में इस वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 18,352 हो गई है।

कोरोना से जिन बच्चों के माता-पिता की हुई मौत, उनका जिम्मा उठाएगी यूपी सरकार

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लखनऊ। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कारण जिन बच्चों के माता-पिता का निधन हो गया है, उनके भरण-पोषण सहित सभी तरह की जिम्मेदारी यूपी सरकार उठाएगी। इस बारे में सीएम ने महिला बाल विकास विभाग को तत्काल विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए है।

यूपी की संक्रमण दर देश भर में सबसे कम

यूपी के कई जिलों में ऐसे मामले सामने आए हैं जहां कोरोना के कारण बच्चों के माता-पिता दोनों की मौत हो गई है। जिससे बच्चों की देखभाल करने वाला कोई नहीं बचा। ऐसे में योगी सरकार का यह फैसला उन बच्चों के लिए राहत भरा साबित होगा। वहीं दूसरी ओर प्रदेश में सख्त कोरोना कफ्र्यू, लगातार ट्रेसिंग और टेस्टिंग के चलते कोरोना की पॉजिटिविटी दर देश में सबसे कम हो गई है। देश के विभिन्न राज्यों में पिछले सप्ताह की कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी दर पर नज़र डालें तो यूपी की स्थिति सबसे बेहतर है। 10 से 16 मई तक अन्य राज्यों में पॉजिटिविटी दर औसतन 25 से 30 फीसदी थी, वहीं उत्तर प्रदेश में यह महज 6.67 प्रतिशत के करीब थी। इस तरह प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों में 56 फीसदी की कमी आई है। मंगलवार को रिकवरी दर 90.6 प्रतिशत हो गई जबकि केस पॉजिटिविटी दर 3.12 फ़ीसदी रही है। इस सप्ताह के शुरुआती दो दिनों में सोमवार को पॉजिटिविटी दर 3.60 फीसदी और रविवार को 3.99 फीसदी थी।

कोरोना से रिकवर होने के एक महीने बाद लगवाएं वैक्सीन, भारत सरकार ने दिया संदेश

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नई दिल्ली। कोरोनावायरस की दूसरी लहर लोगों पर कहर बनकर बरसी है। लोग इस वायरस से बचाव के लिए घरों में कैद है बचाव के सारे उपाय भी अपना रहे हैं फिर भी अनदेखा और अनजाना यह वायरस धोखे से बॉडी में घुस कर लोगों को बीमार बना रहा है। जो लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं उन पर इस बीमारी का इतना ज्यादा खौफ़ छा गया है कि वो दोबारा इस बीमारी की चपेट में नहीं आना चाहते। कोरोना से रिकवर हुए मरीज़ जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाना चाहते हैं ताकि वो भविष्य में इस बीमारी से महफूज़ रह सकें। सवाल यह है कि कोरोना से रिकवर हुए मरीज़ रिकवर होने के कितने दिनों बाद वैक्सीन लगवा सकते हैं।

प्रेस इंफोर्मेशन ब्योरो ने भारत सरकार का हवाला देते हुए कोरोना से रिकवर हुए मरीज़ों को ट्वीट के माध्यम से संदेश दिया है कि कोरोना से रिकवर हुए मरीज़ रिकवरी के तकरीबन 4 हफ्तों के बाद वैक्सीन लगवा सकते हैं।

ब्लैक फंगस: उत्तर प्रदेश में 102 मरीज, 15 की मौत, मेरठ में 24 और लखनऊ में 23 नए मरीज मिले

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लखनऊ। कोरोना से जूझ रहे उत्तरप्रदेश में अब ब्लैक फंंगस ने नई मुश्किलें खड़ी कर दी है। लखनऊ में एक ही दिन में 23 नए मरीज सामने आए हैं। इसके साथ ही ऐसे मरीजों की संख्या बढ़कर 43 हो गई है और 7 मौतें हो चुकी हैं। ऐसे ही मेरठ में भी एक ही दिन में 24 नए मरीज सामने आए हैं। यहां कुल 50 मरीज हो गए हैं। इनमें से 3 की जान जा चुकी है। कानपुर, गोरखपुर, झांसी में भी नए मरीज सामने आ रहे हैं। हर दिन इन शहरों से ब्लैक फंगस के मरीजों की मौत की खबरें सामने आ रही हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार अब तक ब्लैक फंगस के पूरे प्रदेश से 102 मरीज मिले हैं। इसमें 15 की मौत हो चुकी है।

अभी तक ब्लैक फंगस से मिल केसों में डराने वाले तथ्य सामने आए हैं। ब्लैक फंगस का शिकार हुए ज्यादातार लोगों की उम्र 40 साल से नीचे है। डॉक्टर्स का कहना है कि कोरोना संक्रमित होने के बाद जिन्होंने स्टेरॉयड लिया था, उन पर इसका ज्यादा असर हुआ है। यदि शुरूआती लक्षण दिखने पर ही लोग डॉक्टर्स से संपर्क कर लें तो संक्रमण बढ़ने से रोका जा सकता है। उधर सरकार का कहना है कि सभी जिलों को अलर्ट कर दिया गया है। इलाज के बेहतर प्रबंध किए जा रहे हैं।

लखनऊ में दो दिन में दोगुने हुए केस

बीते दो दिन में तीन मरीजों की मौत के बाद दहशत बढ़ी है। रविवार तक ब्लैक फंगस के करीब 20 मामले थे, जो सोमवार को बढ़कर 43 तक पहुंच गए। ङॅटव के प्रवक्ता सुधीर सिंह के अनुसार ब्लैक फंगस के अब तक 34 मरीज भर्ती हुए है। जिनमे से मंगलवार को 3 रोगी भर्ती हुए। अब तक ब्लैक फंगस के 6 रोगियों की शल्य चिकित्सा की जा चुकी वही 4 रोगियों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है और एक मरीज का उपचार कर डिस्चार्ज किया गया।

मेरठ में 50 के पार पहुंची मरीजों की संख्या

मेरठ जिले में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मंगलवार को ब्लैक फंगस के 24 नए मरीज मिलने के बादअब जिले में अब इस बीमारी के मरीजों की संख्या 50 पार पहुंच चुकी हैं। मेडिकल व निजी अस्पतालों के अलावा ईएनटी सेंटर्स पर लगातार ब्लैक फंगस के नए मरीज मिल रहे हैं। अकेले मेरठ मेडिकल कॉलेज में ही दो दिन में 19 नए मरीज मिले। यहां अब ब्लैक फंगस संक्रमितों की संख्या 27 पहुंच चुकी है। इसमें 08 को रेफर कर दिया गया है। आनंद अस्पताल में 07 मरीजों का ऑपरेशन हो चुका है। अन्य निजी अस्पतालों में 03 मरीजों की आंख का ऑपरेशन हो चुका है।

कोरोना में अनाथ हुए बच्चे को अडॉप्ट करने से पहले लेनी होगी प्रशासन की अनुमति, नहीं तो होगी कानूनी कार्रवाई

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गौतमबुद्ध नगर। कोरोना संक्रमण के बीच यदि किसी बच्चे के माता-पिता गुजर गए हैं और कोई उसे गोद लेना चाहता है तो बिना जिला प्रशासन की अनुमति के नहीं ले सकता। अगर ऐसा कोई करता है तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

महामारी के दौरान सोशल मीडिया पर लगातार ऐसे मैसेज वायरल हो रहे हैं जिनमें उन बच्चों को गोद लिए जाने की अपील की जा रही है, जिनके माता-पिता कोरोना की चपेट में आने से निधन हो गया है। जिला प्रशासन ने इन वायरल हो रहे मैसेज का संज्ञान लेते हुए यह जानकारी दी है कि किशोर न्याय अधिनियम 2015 में दी गई प्रक्रिया को पूरा किए बिना कोई भी किसी भी बच्चे को गोद नहीं ले सकता है। अगर ऐसा किया गया तो गैरकानूनी माना जाएगा और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

शिक्षक संघ का दावा गलत, चुनावी ड्यूटी में सिर्फ 3 शिक्षकों की मौत हुई: यूपी सरकार


लखनऊ। पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान शिक्षकों की मौत को लेकर विवाद गहरा गया है। जहां शिक्षक संघ का दावा है कि पंचायत चुनाव में ड्यूटी में लगे 1621 शिक्षकों की मौत हुई। इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजा गया वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने इन आंकड़ों को झूठा बताया है। राज्य सरकार के मुताबिक हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान सिर्फ 3 शिक्षकों की मौत हुई है।

बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से मंगलवार को कहा गया कि राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी गाइडलाइंस के मुताबिक चुनावी ड्यूटी मतदान, मतगणना, मतगणना संबंधी प्रशिक्षण और इस कार्य के लिए कर्मचारी के निवास स्थान से ड्यूटी स्थल तक पहुंचने व ड्यूटी समाप्त कर निवास स्थल तक पहुंचने की अवधि तक मान्य है। इस अवधि में किसी भी कारण से हुई मृत्यु की दशा में अनुग्रह राशि दी जाएगी।

बेसिक शिक्षा विभाग ने बताया कि जिलाधिकारियों की ओर से राज्य निर्वाचन आयोग की गाइडलाइंस के मुताबिक अभी तक तीन शिक्षकों की मृत्यु की प्रमाणित सूचना मिली है। मृतकों के परिवारीजनों को अनुग्रह राशि का भुगतान जल्द ही कराया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने अपील की है कि भ्रामक सूचनाएं न फैलाई जाएं।

कोरोना से लड़ाई में हर मोर्चे पर जन सेवा को हाजिर है अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन

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मथुरा। सामाजिक संगठन अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन एवं अग्रवाल क्लब परिवार द्वारा कोरोना महामारी में संक्रमित लोगों को न सिर्फ निशुल्क ऑक्सीजन दे रहे हैं बल्कि दवा और भोजन भी उपलब्ध कराया जा रहा है। यह सेवा कार्य पिछले एक माह से निरंतर चल रहा है।


समाजसेवी अजय कांत गर्ग ने नियो न्यूज को बताया कि पिछले एक महीने से जारी ऑक्सीजन सिलेंडर, फ्री ऑक्सीजन, गरीबों को निशुल्क दवाई आदि सेवा के साथ-साथ अब पिछले10 दिन से होम आइसोलेट मरीजों एवं उनके परिजनों को सुबह शाम निर्धारित समय पर खाने की थाली भेजी जा रही है। इसी क्रम में सेवा के कार्य को आगे बढ़ाते हुए लॉकडाउन के कारण अपने परिवार से व्यापार से वंचित जरूरतमंद लोगों को सूखी राहत खाद्य सामग्री, जिसमें 10 दिन के लिए आटा, दाल, चावल, चीनी, नमक, मसाले, आदि शामिल है घर-घर पहुंचाई जा रही है।

उन्होंने बताया कि बहुत से छोटे व्यापार करने वाले जैसे खोमचे वाले, रिक्शे वाले, चाट वाले आदि अनेक छोटे व्यापारी जो लॉकडाउन के कारण घरों में कैद हो गए हैं, जिनका प्र्रतिदिन व्यापार के हिसाब से घर का खर्चा चलता था ऐसे लोगों के लिए संस्था द्वारा सूखी खाद्य सामग्री के 10 दिन के राशन के लिए पैकेट बनवाए गए हैं। ऐसे लोगों को संस्था के सदस्यों द्वारा चिन्हित करके जरुरत का सामान उनके घर पर भिजवाया जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की ह कि यदि एसे जरुरत छोटे व्यापारी आपके आसपास हों तो वह फोन करके उसकी जानकारी दे सकते हैं ताकि उनके घर पर सामग्री भेजी जा सके।

संगठन के सुनील अग्रवाल ने बताया कि विगत 10 दिनों से होम आइसोलेट कोविड मरीजों के घरों पर उनके लिए उनके परिजनों के लिए खाने की थाली भेजी जा रही है। 90 थाली प्रतिदिन भोजन की सुबह और शाम मथुरा वृंदावन में अलग-अलग जगह पर पहुंचाई जा रही है। जरूरतमंद व्यक्ति दिए गए मोबाइल नंबर 8869041266, 6397331649, 9927046636 पर संपर्क कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

इस सेवा अभियान में दिनेश गोयल, रितेश अग्रवाल,विभोर तायल, विजय अग्रवाल सलेक्शन ,विवेक अग्रवाल, अवधेश अग्रवाल गया वाले, अखिल अग्रवाल खांड़ वाले, राजकुमार खोया वाले, ललित अग्रवाल बॉबी, गौरव अग्रवाल, शरद अग्रवाल,शरद गर्ग,संजीव गर्ग,चौधरी अनूप अग्रवाल, अतुल बंसल ,नितिन, योगेंद्र गोयल ट्रेजरी वाले, मनीष अग्रवाल सन्ना, अनुराग मित्तल, संध्या अग्रवाल, राजकुमार अग्रवाल बर्तन वाले ,रोहित गर्ग, पवन अग्रवाल अडूकी वाले ,सोनू भाई आगरा वाले, आदि सदस्यों का सहयोग प्राप्त हो रहा है।

संस्कृति विवि की वेबिनार में विशेषज्ञों ने कोविड वैक्सीन को बताया सुरक्षित

चिकित्सकों ने लोगों की भ्रांतियां दूर कीं और जागरूक किया

मथुरा। संस्कृति स्कूल आफ मेडिकल एंड एलाइड साइंसेज द्वारा एचआरसीटी (हाई रिसोल्युशन कैट स्कैन) और कोविड वैक्सीन को लेकर लोगों की भ्रांतियां दूर करने को एक महत्वपूर्ण वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में वक्ताओं ने एचआरसीटी और कोविड वैक्सीन को लेकर बताया कि डाक्टर की सलाह पर कराया जाने वाला एचआरसीटी और कोविड-19 से सुरक्षा को लेकर लगाई जा रही वैक्सीन दोनों ही सुरक्षित हैं और इसको लेकर किसी तरह की भ्रांति मन में नहीं रखनी चाहिए।

मुख्य वक्ताओं में वृंदावन स्थित ब्रज हेल्थ केयर में कोविड-19 यूनिट के हेड डा.चैतन्य गुप्ता ने वेबिनार में उपस्थित विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों को बताया कि कोविड-19 से बचाव के लिए लगाया जा रहा टीका पूरी तरह से सुरक्षित है। भारत सरकार द्वारा सभी को टीका लगवाने के लिए प्रेरित और निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसी अनेक रिपोर्ट और रिसर्च सामने आ चुकी हैं जिनके अनुसार टीका लगवाने वालों को कोरोना होने पर कम प्रभाव हुआ और वे जल्दी ठीक हो गए।

कोविड-19 को लेकर फैल रही भ्रांतियों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की बातें निरर्थक हैं और इनपर भरोसा नहीं करना चाहिए। शैल सुधा अल्ट्रासाउंड एवं पैथलैब मथुरा के स्वामी एवं निदेशक डा. प्रशांत नाथ गुप्ता(एमबीबीएस, एमडी (रेडियो डायग्नोसिस बीएचयू) ने एचआरसीटी को लेकर लोगों की चिंताओं पर अपनी राय देते हुए कहा कि डाक्टर की सलाह पर कराया जाने वाला एचआरसीटी आपके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव नहीं डालता है। इस संबंध में उन्होंने कई मरीजों के हुए परीक्षणों को प्रस्तुत करते हुए अपनी बात की पुष्टि की। कुछ रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए उन्होंने पूरे विस्तार से उन सभी शंकाओं का समाधान किया जो लोगों को विचलित करती हैं। प्रश्नों के सत्र में उन्होंने वेबिनार में लोगों द्वारा पूछे गए अनेक प्रश्नों का उत्तर देकर उनकी जिज्ञासाओं और भ्रांतियों को दूर किया। वेबिनार के विशेषज्ञ वक्ताओं ने विस्तार से लोगों की भ्रांतियां दूर करते हुए उन्हें जागरूक किया।

वेबिनार की शुरुआत संस्कृति स्कूल आफ मेडिकल एंड एलाइड साइंसेज की डीन एसएमएएस डा. पल्लवी श्रीवास्तव के स्वागत भाषण से हुई। वेबिनार के अंत में फिजियो थैरेपी विभाग में सहायक प्रोफेसर एसएमएएस डा. कीर्ति मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। वेबिनार में लगभग सौ से अधिक विद्यार्थी, शिक्षक और विवि के कर्मचारी उपस्थित रहे।