Saturday, April 20, 2024
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बड़ी खबर: अब उत्तरप्रदेश में काबिल दरोगाओं को ही मिलेगा थाने का चार्ज


लखनऊ। अब प्रदेश के थानों में काबिल दरोगाओं को ही थानेदार बन पाएंगे। इसके साथ ही जातिगत समीकरण का भी विशेष ध्यान रखने की निर्देश प्रदेश के डीजीपी हितेश चन्द्र अवस्थी ने दिए हैं। डीजीपी के नए निर्देश के साथ ही यूपी के थानों में अब बड़े फेरबदल के संकेत मिल रहे हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की कानून व्यवस्था में सुधार करने और महिला संबंधी अपराधाधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए गंभीर नजर आ रहे हैं। सीएम हर वो कदम उठा रहे हैं जिससे थाना स्तर पर क्राइम कंट्रोल हो सके। इसके लिए उन्होंने हाल ही में डीजीपी से बात की थी।


यूपी के डीजीपी हितेश चन्द्र अवस्थी ने हाल ही में जारी निर्देशों से माना जा रहा है कि प्रदेश में बढते आपराधिक मामले खासकर महिलाओं से संबंधित बढते अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए ये निर्देश दिए गए हैं। डीजीपी ने जारी किए निर्देशों में बताया कि उत्तर प्रदेश के दो तिहाई थानों पर निरीक्षकों और एक तिहाई थानों पर उपनिरीक्षकों को थानाध्यक्ष के रूप में तैनात किये जाने के लिए निम्नलिखित निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाये-

  • प्रदेश के दो तिहाई थाने जो निरीक्षक स्तर के अधिकारियों के लिए चिन्हित है, उनमें केवल निरीक्षक स्तर के ही योग्य अधिकारियों की तैनाती की जायेगी तथा उपनिरीक्षक स्तर के किसी अधिकारी को इन थानों के थाना प्रभारियों के रूप में तैनात नहीं किया जायेगा।
  • प्रदेश के जो एक तिहाई थाने पूर्व में उपनिरीक्षकों को थानाध्यक्ष के रूप में तैनात किये जाने हेतु चिन्हित किये गये थे उनमें योग्य निरीक्षकों की भी तैनाती की जा सकती है। इन थानों पर दक्ष, सशक्त एवं उपयुक्त उप निरीक्षकों की भी तैनाती पर विचारण किया जा सकेगा, जिससे उत्कृष्ट कार्य करने वाले उपनिरीक्षकों का मनोबल बढ़ाया जा सके तथा अन्य उपनिरीक्षक स्तरीय अधिकारियों को अच्छा कार्य करने की प्रेरणा प्राप्त हो सके।
  • यदि किसी थाने पर एक से अधिक निरीक्षकों की तैनाती की जाती है तो यह घ्यान रखा जायेगा कि वरिष्ठतम अधिकारी को ही प्रभारी निरीक्षक बनाया जाए।
  • किसी भी थाने में उपनिरीक्षक स्तर के अधिकारी को थाना प्रभारी बनाये जाने की दशा में
  • निरीक्षक स्तर के अधिकारी की तैनाती उसके अधीनस्थ न की जाए।
  • यह भी देखा गया है कि अनुमोदित सूची के निरीक्षक पद के अधिकारी का अनुमोदित होने के बाद भी निरीक्षक की नियुक्ति नहीं करते हुए उप निरीक्षक की नियुक्ति किया जा रहा है जो घोर अनियमितता का परिचायक है।
  • जनपद/परिक्षेत्र में अनुमोदित जाति वर्ग के निरीक्षक/उपनिरीक्षकों की कमी है तो उसका समायोजन अपने अधीनस्थ अन्य जनपद से करना सुनिश्चित करें और समायोजन सम्भव न हो तो मुख्यालय पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश को सुसंगत सूचनाओं सहित प्रस्ताव उपलब्ध कराया जाये।

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