Monday, May 20, 2024
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टूलकिट केस: दिशा रवि के बाद दो और संदिग्धों की गिरफ़्तारी में जुटी दिल्ली पुलिस

नई दिल्ली। तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान आन्दोलन से जुड़ी टूलकिट सोशल मीडिया पर शेयर करने में संलिप्तता के आरोप में पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर काम करने वाली दिशा रवि को बेंगलुरू से गिरफ्तार कर लिया। इस केस की जांच सिर्फ यहीं तक नहीं बल्कि इस केस से जुड़े दो और संदिग्धों की तलाश में पुलिस जुटी हुई है।

दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे 5 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। यह वही टूलकिट है जिसे स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया था, लेकिन बाद में उसे डिलीट कर दिया था। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, इन संदिग्धों के नाम शांतनू और निकिता हैं। इन्हें खोजने के लिए दिल्ली पुलिस की टीम मुंबई और कुछ संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है।

खबर के मुताबिक, बेंगलुरु पुलिस ने यह बताया है कि उन्हें दिल्ली से आ रही पांच सदस्यों की साइबर पुलिस के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी। दो महिला पुलिस कर्मियों के साथ यह टीम शनिवार दोपहर बेंगलुरु पहुंची थी।

दिशा रवि पर आरोप है कि उन्होंने किसानों से जुड़ी टूलकिट में बदलाव करते हुए कुछ चीजें जोड़ी और फॉरवर्ड कर दिया। जब ग्रेटा थनबर्ग ने टूलकिट शेयर किया, तब दिशा रवि ने ही ग्रेटा को चेताया था कि टूलकिट सार्वजनिक हो गया है। बाद में ग्रेटा ने इसे डिलीट कर दिया और फिर इसका एडिटेड वर्जन शेयर किया था।

दिशा पर क्या आरोप हैं?

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि दिशा रवि को पूछताछ के लिए उनके घर से हिरासत में लिया गया और बाद में टूलकिट बनाने और उसे शेयर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। दिशा रवि बेंगलुरु के एक निजी कॉलेज से बीबीए की पढ़ाई कर चुकी हैं और वह ‘फ्राइडेज फॉर फ्यूचर इंडिया नामक संगठन की संस्थापक सदस्य भी हैं। वह टूलकिट का संपादन करने वालों में से एक हैं और दस्तावेज को बनाने एवं फैलाने के मामले में मुख्य साजिशकर्ता हैं। अधिकारी ने कहा कि दिशा रवि का लैपटॉप और मोबाइल फोन आगे की जांच के लिए जब्त किया गया है। साथ ही पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या वह और भी लोगों के संपर्क में थी, जो इस मामले में संलिप्त हैं।

कांग्रेस ने किया गिरफ्तारी का विरोध

किसान आन्दोलन का समर्थन कर रही कांग्रेस ने दिशा रवि की गिरफ्तारी का विरोध किया है। कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘भारत बेतुका रंगमंच बन रहा है और यह दुखद है कि दिल्ली पुलिस उत्पीड़कों का औजार बन गई है। मैं दिशा रवि की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करता हूं और सभी छात्रों और युवाओं से आग्रह करता हूं कि वे निरंकुश शासन के खिलाफ आवाज उठाएं।’ पी. चिदंबरम ने एक और ट्वीट कर तंज कसा कि भारत के लिए चीन की घुसपैठ से ज्यादा खतरनाक एक टूलकिट है। उन्होंने लिखा, ‘यदि माउंट कार्मेल कॉलेज की 22 वर्षीया छात्रा और जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि देश के लिए खतरा बन गई है, तो भारत बहुत ही कमजोर बुनियाद पर खड़ा है।

चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की तुलना में किसानों के विरोध का समर्थन करने के लिए लाया गया एक टूक किट अधिक खतरनाक है!’ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी दिशा की गिरफ्तारी का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि यह पूर्ण रूप से अत्याचार है, यह अनुचित उत्पीड़न और धमकी है।

क्या होता है टूलकिट?

टूल किट में ट्विटर के जरिए किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश और सामग्री होती है। दिल्ली पुलिस के ‘साइबर प्रकोष्ठ ने भारत सरकार के खिलाफ सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक युद्ध छेड़ने के लक्ष्य से ‘टूलकिट के ‘खालिस्तान समर्थक निर्माताओं के खिलाफ चार फरवरी को प्राथमिकी दर्ज की थी। अज्ञात लोगों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, राजद्रोह और अन्य आरोप में भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

दिल्ली हिंसा टूलकिट में बताई गई योजना!

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इससे पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि शुरुआती जांच से पता चला है कि दस्तावेज के तार खालिस्तान-समर्थक समूह ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को हुई हिंसा सहित पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रमों पर ध्यान देने पर पता चला है कि ‘टूलकिट में बताई गई योजना का अक्षरश: क्रियान्वयन किया गया है। इसका लक्ष्य भारत सरकार के खिलाफ सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक युद्ध छेड़ना है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि दिल्ली हिंसा प्रायोजित थी।

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