रवि यादव/ राजेश सोलंकी
मथुरा। यदि आप बारिश के समय घर से निकलें तो जरा संभलकर। विशाल, गहरे खुले नाले आपकी जान न लेलें। क्यों कि शहर के नाले मानसूनी बारिश से पहले ही लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं। मथुरा में 111 नालों में से अधिकांश बड़े नाले खुले हैं। जो कि बारिश होने पर लोगों की मौत का कारण बन सकते हैं। लोगों के मुताबिक नगर के कई नाले वर्षों से खुले हैं। जिनकी नगर निगम द्वारा लगातार अनदेखी की जा रही है। उनमें से ही एक नाला कैलाश नगर का है। जहां दो युवकों की नालें में डूब कर मौत हो गई। नगर निगम के जेड एसओ ने कबूल किया कि शहर के 111 नालों में से कुछ नाले खुले हैं, उन्हें में से कैलाश नगर का नाला भी शामिल हैं। ये नाले सफाई कार्य के लिए खोले गए थे।
मथुरा-वृंदावन नगर निगम की अनदेखी के चलते शहर के 111 नालों में से अधिकांश नाले खुले हैं। करीब 8 से 12 फुट गहरे नालों में व्यक्ति तो क्या मोटरसाइकिल और कार भी समा सकती है। नालों की सफाई के नाम पर लंबे समय से खुले नालों की ओर से निगम बेफिक्र है। ये मौत के नाले जानलेवा साबित हो रहे हैं। मानसून नजदीक आने पर भी शहर के नालों की सफाई पूरी नहंी हो सकी है। अभी भी नाले सफाई के लिए बाकी है। यही कारण है कि नालों में वर्षों से सिल्ट और कचरा होने के कारण बारिश का बारिश शहर में जमा हो जाता है और शहर ताल तलैया में तब्दील हो रहा है। बारिश के दौरान विशाल गहरे नाले और सड़क न दिखने के कारण लोग गहरे नाले में चले जाते हैं और मौत हो जाती है।
यहां हैं लंबे समय से खुले हैं बड़े और गहरे नाले
भेंसबहोरा, ककाली, झिगुरपुरा, जिला अस्पताल के पीछे, बीएसए इजीनियरिंग रोड, अम्बाखार, अन्तापाड़ा, पे्रम होटल के पीछे, महिला बाजार।
सपाई के लिए खुले नाले होंगे एक दिन में बंद
नगर निगम के जेड एसओ सुरेन्द्र सिंह यादव का कहना है कि इन दिनों नालों की सफाई कार्य चल रहा है। शहर में 111 नाले हैं। इनमें से करीब 10-15 नाले खुले होंगे। बाकी के सभी नाले बंद हैं। यह नाले भी सफाई कार्य के लिए खोले गए थे। इन दिनों सफाई कार्य चल रहा है। नगर आयुक्त ने युवकों की मौत की घटना के बाद शहर के सभी नालों को ढ्कने के निर्देश दिए हंै। जिन्हें एक दिन में ही ढकवाया जा रहा है। सफाई कार्य के लिए नालों से स्लैब हटाई गई थी। कैलाश नगर में जहां दो युवकों की नाले में डूबकर मौत की घटना हुई है वहां सात दिन पहले ही सफाई कार्य हुआ था।