Friday, April 26, 2024
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बरसाना में हजारों साल पुरानी द्वापरयुगीन परंपराओं का होगा दर्शन, जानिए कब होगा राधारानी का महाभिषेक

बरसाना। श्रीराधारानी के धाम बरसाना के प्रमुख राधारानी मंदिर में 13 एवं 14 सितंबर को होने वाले राधाष्टमी महोत्सव की तैयारियों से पहले कार्यक्रम की रुपरेखा तैयार कर ली गई है। गोस्वामियों द्वारा राधारानी का महाभिषेक, डोला और समाज गायन, बधाई गायन और बरसाना के आसपास के लीला धामों में हजारों वर्ष पुरानी द्वापरयुगीन लीलाओं का भक्तों को दर्शन होगा।


राधारानी के मंदिर के मुरलीधर गोस्वामी एवं जगदीश गोस्वामी ने बताया कि बरसाना के ब्रह्मांचल पर्वत स्थित सुप्रसिद्ध राधारानी के मंदिर में 13 सितंबर से ही राधारानी के जन्मोत्सव पर होने वाली परंपरागत कार्यक्रम की शुरुआत हो जाएगी। इस परंपरा में ना सिर्फ बरसाना और बल्कि नन्दगांव के गोस्वामी भी शामिल होंगे।

उन्होंने बताया कि 13 सिंतबर की अद्र्ध रात्रि के बाद करीब दो बजे राधारानी का मंदिर सिर्फ गोस्वामी समाज के लिए खुलेगा। मंदिर के गोस्वामीजन अपनी पारंपरिक वेशभूषा में मंदिर के चौक में समाज एवं बधाई गायन करेंंगे। कई घंटे समाज गायन के बाद मंदिर के जगमोहन में श्री राधारानी का पंचामृत से महाभिषेक होगा। महाभिषेक 14 सितंबर को प्रात: साढे चार बजे से शुरु होकर करीब पौने छह बजे तक होगा। इसके बाद फिर मंदिर के द्वारा आम भक्तों के लिए खुल जाएंगे। फिर बधाई गायन और सिलसिला बरसाना के प्रमुख मंदिर, धर्मशाला और ब्रजवासियेों के घरो में शुरु हो जाएगा। ब्रजवासियो के मुंह से बस एक ही बोल निकलते हैं राधारानी ने जन्म लिया है..।

नन्दगांव के गोस्वामी समाज भी बरसाना मंदिर पहुंचते हैं और बधाई एवं समाज गायन करते हैं। 14 सितंबर की शाम को अष्टधातु के बने पुष्पों और लता-पताओं से सजे डोला में मंदिर के गोस्वामी राधारानी को विराजमान कर मंदिर के नीचे संगमरमरी छतरी में लाकर विराजमान करेंगे। यहां देशविदेश से आए भक्तजन राधारानी के दर्शन करेंगे। कुछ समय बाद गोस्वामी जन पुन: राधारानी को डोला में विराजमान कर मंदिर के जगमोहन में विराजमान करेंगे।

मंदिर के गोस्वामीजन भक्तों को बधाई लुटाएंगे। इसमें लड्डू, खिलौने, फल, पैसे वस्त्र, मेवा आदि लुटाई जाएंगी। राधाजन्मोत्सव के अन्तर्गत ही बरसाना और उसके आसपास के लीला स्थलों में द्वापरयुगीन लीलाओं का मंचन ब्रजवासियों द्वारा किया जाएगा। जिसे देखने के लिए लाखों भक्त देश-विदेश से आने लगे हैं।

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