Thursday, May 2, 2024
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हवन-पूजन के साथ जी.एल. बजाज में मनी सृष्टि शिल्पी की जयंती


युवा भगवान विश्वकर्माजी से लें प्रेरणाः डॉ. रामकिशोर अग्रवाल


मथुरा। शुक्रवार को तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में समूचे ब्रज मण्डल में विशिष्ट पहचान रखने वाले जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा में वैदिक मंत्रोच्चार और हवन-पूजन के साथ सृष्टि के रचनाकार भगवान विश्वकर्माजी की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर संस्थान की निदेशक प्रो. (डॉ.) नीता अवस्थी ने छात्र-छात्राओं से कहा कि जिस तरह भगवान विश्वकर्माजी ने सृष्टि को नया रूप और नया आकार दिया है, उसी तरह आपका भी दायित्व समाज के विकास में महती योगदान देने का है।


जी.एल. बजाज संस्थान में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच न केवल भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना की गई बल्कि संस्थान में स्थापित सभी मशीनों के साथ-साथ इंजीनियरिंग में इस्तेमाल किए जाने वाले सभी यंत्रों की भी पूजा की गई। विश्वकर्मा जयंती पर आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में इंजीनियरिंग छात्र-छात्राओं को भगवान विश्वकर्मा से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि सृष्टि शिल्पी भगवान विश्वकर्माजी अपने आपमें बिल्कुल अनूठे हैं, उन्होंने अपने कौशल से पौराणिक काल में देवताओं और मानव को ऐसी नायाब आकृतियां सौंपीं, जिनकी शानदार संरचनाओं को देखकर हम आज भी चकित रह जाते हैं।

जी.एल. बजाज की निदेशक डॉ. नीता अवस्थी ने छात्र-छात्राओं से कहा कि वर्तमान समय में भवन, बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों का निर्माण कार्य इंजीनियर करते हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सतयुग में स्वर्गलोक, त्रेतायुग में लंका, द्वापर में द्वारका और कलयुग में जगन्नाथ मंदिर का निर्माण किसने किया? या फिर देवताओं के भवन, महल और उनके अस्त्र-शस्त्र किसने बनाए। मान्यता है कि समस्त देवी-देवताओं के महल और अस्त्र-शस्त्रों का निर्माण भगवान विश्वकर्माजी ने ही किया था, यही कारण है कि उन्हें सृष्टि शिल्पी कहा जाता है। सच कहें तो भगवान विश्वकर्माजी ही इस खूबसूरत दुनिया के अद्वितीय रचनाकार और इंजीनियर हैं।

डॉ. अवस्थी ने कहा कि जिस तरह विश्व के रचनाकार भगवान विश्वकर्माजी ने इस संसार को इतना सुन्दर रूप प्रदान किया है, ठीक उसी तरह आप भी इस देश व समाज को अपने कौशल व कुशलता से एक उत्कृष्ट रूप में ढाल सकते हो।

पूजा-अर्चना कार्यक्रम में मैकेनिकल विभाग के विभागाध्यक्ष उदयवीर सिंह व जी.एल. बजाज संस्थान के प्राध्यापक, कर्मचारी और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। सभी ने भगवान विश्वकर्मा से बौद्धिक सामर्थ्य प्रदान करने की प्रार्थना की ताकि वे सब अपने-अपने कार्यक्षेत्र में अपने निर्धारित कार्यों का सही ढंग से निर्वहन करते हुये अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकें।

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