Thursday, March 28, 2024
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चीन में लॉकडाउन, अमेरिका में सख्ती, ब्रिटेन की हालत खराब, 108 देशों में पहुंचा ओमिक्रॉन


नई दिल्ली। कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट, जिसे सबसे पहले पिछले महीने अफ्रीकन देश में पाया गया था, वो सिर्फ 4 हफ्तों के अंदर ना सिर्फ दुनिया के 108 देशों में फैल चुका है, बल्कि लाख से ज्यादा लोगों को संक्रमित भी कर चुका है। चूंकी ओमिक्रॉन वेरिएंट के असर को लेकर अभी तक दुनिया को सही सही जानकारी नहीं है और मौतें शुरू हो चुकी हैं, लिहाजा दुनियाभर के देशों में खलबली मची हुई है। खासकर ब्रिटेन में कोरोना वायरस के एक लाख से ज्यादा मामले एक दिन में रिपोर्ट किए गये हैं, जिसने ब्रिटिश सरकार को देश में सख्ती बरतने के लिए मजबूर कर दिया लेकिन क्रिसमस की मजबूरी की वजह से सरकार देश में अभी कर लॉकडाउन नहीं लगा रही है।


108 देशों में फैला वायरस ओमिक्रॉन वेरिएंट को अभी मिले एक महीने ही हुए हैं कि, कोरोना वायरस का ये वेरिएंट दुनिया के 108 देशों में फैल चुका है और अभी तक एक लाख 51 हजार और 368 संक्रमित मिल चुके हैं, जिनमें से 26 संक्रमितों की मौत हो चुकी है। दक्षिण अफ्रीका में 24 नवंबर को ओमिक्रॉन का पहला मामला दर्ज किया गया था और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे कुछ दिनों के भीतर ही चिंता का एक रूप घोषित कर दिया था। क्योंकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा था कि इसमें असामान्य रूप से फैलने की क्षमता है जो इसे अधिक संक्रामक बना सकते हैं। और यहां तक कि ओमिक्रॉन वेरिएंट वैक्सीन की क्षमता पर भी असर डालता है।


35 साल से अधिक आयु के लिये – 1 करोड़ का जीवन बीमा मात्र रूपए 490/माह . टर्म जीवन बीमा योजना दक्षिण अफ्रीका की क्या है स्थिति? दक्षिण अफ्रीका में, डेल्टा वेरिएंट मई महीने की शुरुआत में केवल 2 प्रतिशत नए मामलों के लिए जिम्मेदार था, जो कि 12 जुलाई तक बढ़कर 89 प्रतिशत हो गया था। दूसरी तरफ 24 नवंबर को ओमिक्रॉन वेरिएंट के पहले मामले का पता चला था और 13 दिसंबर तक, दक्षिण अफ्रीका में 95 प्रतिशत मामलों के लिए ओमिक्रॉन वेरिएंट जिम्मेदार बन चुका है। हालांकि, दक्षिण अफ्रीकी डॉक्टर्स का कहना है कि, ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है, ना कि डरने की।


ब्रिटेन में ओमिक्रॉन से हड़कंप ब्रिटेन में 5 अप्रैल तक केवल 0.10 प्रतिशत कोरोनावायरस रोग के मामले डेल्टा के कारण थे, जो मई के अंत तक बढ़कर 74 प्रतिशत हो गए। जून तक डेल्टा वेरिएंट कोविड-19 मामलों के 90 प्रतिशत से अधिक संक्रमितों के लिए जिम्मेदार था। लेकिन अब, यूके में कोरोनावायरस संक्रमण ने ओमिक्रॉन वेरिएंट की वजह से हर रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। ब्रिटेन में 22 दिसंबर को 1 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए जो एक दिन में अब तक के सबसे ज्यादा मामले हैं। वहीं, ब्रिटेन में पिछले 24 घंटे के दौरान एक लाख 22 हजार से ज्यादा संक्रमितों की पुष्टि की गई है और लगातार तीसरे दिन ब्रिटेन में एक लाख से ज्यादा संक्रमित मिले हैं। वहीं, देश में लॉकडाउन लगाने की संभावना का भी भयानक विरोध हो रहा है और कैबिनेट मंत्रियों ने प्रधानमंत्री को चेतावनी दी है, कि अगर लॉकडाउन लगाया जाता है, तो वो इस्तीफा दे देंगे।


अमेरिका में हालात खराब संयुक्त राज्य अमेरिका में 19 अप्रैल तक सभी कोरोनावायरस रोग के मामलों में डेल्टा संस्करण 0.31 प्रतिशत मामलों के लिए जिम्मेदार था और जून के अंत तक यह आंकड़ा बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया था। एक महीने बाद, यानि जुलाई के अंत तक, 90 प्रतिशत से अधिक मामलों के लिए डेल्टा जिम्मेदार था। लेकिन अब, अमेरिका में ओमिक्रॉन के सामने आने के बाद से अमेरिका में संक्रमण की दर तेजी से बढ़ी है। 22 दिसंबर तक अमेरिका में हर चौथा मामला ओमिक्रॉन वेरिएंट से जुड़ा पाया गया है। भारत में ओमिक्रॉन की ताजा स्थिति दिसंबर 2020 के अंत तक भारत में डेल्टा वेरिएंट के मामले सामने आने लगे थे। पहले महीने में कुल मामलों में से केवल 0.73 फीसदी डेल्टा वेरिएंट के थे, लेकिन ओमिक्रॉन सिर्फ 22 दिनों में 17 राज्यों में फैल गया है।


भारत में 2 दिसंबर को ओमिक्रॉन का पहला मामला सामने आया था और देश में इस वेरिएंट के 358 मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि, भारत में अभी तक ओमिक्रॉन वेरिएंट की वजह से किसी भी मरीज की मौत की रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है। चीन में लॉकडाउन रिटर्न वहीं, ओमिक्रॉन वेरिएंट की वजह से चीन में व्यापक लॉकडाउन का दौर दो साल बाद फिर लौट आया है। वुहान जितने बड़े शहर शियान में भी गुरुवार को पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया गया है। यह शहर कई पूर्व चीनी राजवंशों की राजधानी और टेराकोटा वॉरियर्स के लिए मशहूर है। यहां की 1.3 करोड़ आबादी से कहा गया है कि वह अपने घरों में ही बंद रहें। बीते दो वर्षों में चीन ने कहीं भी इतना बड़ा लॉकडाउन नहीं लगाया था और वह छोटे-छोटे लॉकडाउन लगाकर ही वायरस को कंट्रोल कर रहा था। लेकिन, ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर दुनिया में जो दशहत मची हुई, उससे आशंकित चीनी शासकों ने पश्चिम के इस बड़े शहर को पूरी तरह से तालों में बंद कर दिया है।

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