Sunday, May 5, 2024
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राजीव इंटरनेशनल स्कूल के नन्हें-मुन्ने विद्यार्थी सम्मानित


आत्मविश्वास ही सफलता का मूलमंत्रः डॉ. रामकिशोर अग्रवाल


मथुरा। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने शनिवार को राजीव इंटरनेशनल स्कूल के नन्हें-मुन्ने प्रतिभाशाली बच्चों को सम्मानित कर उनकी प्रतिभा को नया आयाम दिया। किंडर गार्टन के नौनिहालों के लिए आयोजित भव्य स्नातक समारोह में कक्षा नर्सरी से यूकेजी के छात्र-छात्राएं कन्वोकेशन ड्रेस में मनमोहक छटा बिखेर रहे थे।

कार्यक्रम का शुभारम्भ डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया।
डॉ. अग्रवाल द्वारा नन्हें-मुन्ने बच्चों को डिग्री के रूप में प्रमाण-पत्र व स्मृति चिह्न प्रदान करने से पूर्व नौनिहालों ने नयनाभिराम सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति से सभी का दिल जीत लिया। अतिथियों का स्वागत शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने किया। इस अवसर पर डॉ. अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन किया और कहा कि प्रारम्भिक अवस्था में ही यदि शिक्षकों द्वारा बच्चों में आत्मविश्वास पैदा किया जाए तो उसके परिणाम बहुत अच्छे होते हैं। उन्होंने कहा कि आत्मविश्वास ही सफलता का मूलमंत्र है। डॉ. अग्रवाल ने बच्चों के चहुंमुखी व्यक्तित्व विकास में अभिभावकों तथा शिक्षकों की भूमिका को सर्वोपरि माना। इस अवसर पर डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी तथा राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के निदेशक एवं डीन डॉ. देवेंद्र पाठक ने विद्यालय की पत्रिका का भी विमोचन किया।


स्कूल के मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज अग्रवाल ने बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रशंसा करते हुए कहा कि बाल्यावस्था कच्ची मिट्टी की तरह होती है, हम उसे जिस सांचे में ढाल देते हैं, उसी रूप को वह धारण कर लेती है लिहाजा शिक्षकों का दायित्व है कि वे बच्चों को सही दिशा दें। श्री अग्रवाल ने शिक्षकों का आह्वान किया कि बच्चों का सर्वांगीण विकास ही उनकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।


शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने ग्रेजुएशन सेरेमनी के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों में प्राथमिक स्तर से ही नवीन, श्रेष्ठ तथा सृजनात्मक विचारों का उद्भव होता है। बच्चों के विचारों को सही दिशा देने में शिक्षकों व विद्यालय की प्रमुख भूमिका होती है। कार्यक्रम का संचालन आस्था जैन, लावन्या खंडेलवाल, नीलांशी, सोनल गर्ग, कुशाग्र गर्ग, गार्गी तथा श्रेयल द्वारा किया गया।

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