मथुरा। दिवाली की शाम को ग्रहण लगेगा और सूतक काल में पूजा करना शुभ नहीं होता है। ऐसे में क्या दिवाली पर पूजा प्रभावित होगी या ज्योतिष उपाय निकाल कर पूजा संभव हो पाएगी? बता दें कि दिवाली पर साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा। इस बार दिवाली 24 अक्टूबर को है और इसी दिन रात में ग्रहण भी लगेगा. सूतक के चलते पूजा-पाठ ग्रहण से करीब दो घंटे पहले लग जाएगा. ऐसे में पूजा-पाठ को लेकर असमंजस कि स्थिति बन गई है। तो चलिए जाने इस शंका का सामाधान क्या है।
कब है कार्तिक अमावस्या और दीवाली
हर साल कार्तिक अमावस्या को होती है और कार्तिक अमावस्या 24 अक्टूबर को शाम 5.29.35 से शुरू होकर अगले दिन 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 20 मिनट तक रहेगीं। उदया तिथि के अनुसार दिवाली का त्योहार 24 अक्टूबर को ही मनाया जाना है। कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी 24 अक्टूबर 2022 शाम 5 बजकर 27 मिनट तक है इसके बाद अमावस्या लग जाएगी।
सूर्य अस्त के बाद लगेगा ग्रहण
इस लिहाज से दिपावली 24 अक्टूबर को होगी और खंडग्रास सूर्यग्रहण 25 अक्टूबर को लगेगा। यानी कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या को ही दिवाली होगी। शास्त्रों के अनुसार, सूर्यास्त के बाद पड़ने वाला सूर्यग्रहण बहुत प्रभावशाली नहीं होता है। वैसे भी यह ग्रहण भारत में दिखाई नही देगा। इसलिए इसका दीपावली पर होने वाली लक्ष्मी पूजा पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
कहां दिखेगा ग्रहण
ये ग्रहण यूरोप, उत्तरी अफ्रीका, पश्चिम एशिया, उत्तरी अटलांटिक महासागर, उत्तरी हिंद महासागर में दिखाई देगा। साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण शनिवार के दिन 30 अप्रैल, 2022 को पड़ा था। इस सूर्यग्रहण का भारत में कोई प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा।