Wednesday, April 24, 2024
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राजीव एकेडमी के छात्र-छात्राओं को दी इण्टरव्यू में सफलता की जानकारी

  • छात्र-छात्राएं साक्षात्कार के समय घबराएं नहीं


मथुरा। सफलता एक ऐसी सीढ़ी है जिस पर चढ़ना तो सभी चाहते हैं लेकिन उस पर चढ़ने का तरीका नहीं जानते। जीवन में सफलता पाने के कुछ मूल मंत्र तथा कुछ उसूल होने आवश्यक हैं। हम प्रायः सबकुछ अच्छा करते हैं लेकिन जब इण्टरव्यू की बारी आती है पशोपेश में पड़ जाते हैं। इण्टरव्यू को लेकर कतई परेशान न हों। निगेटिव विचारों का परित्याग कर सदैव पॉजिटिव विचारों को मन में पनपने दें, तभी आप आत्मविश्वासी बनेंगे तथा प्रतियोगिता के अन्तिम चरण में सफल भी होंगे। यह जानकारी शुक्रवार को राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के बीबीए के छात्र-छात्राओं से कॉरपोरेट ट्रेनर दर्शन शर्मा ने दी।


रिसोर्स परसन शर्मा ने छात्र-छात्राओं से कहा कि सफलता पाने के लिए समय का सम्मान करना आवश्यक है। हर कार्य को समय से करना व ढंग से करना ही मनुष्य को लक्ष्य के करीब ले जाता है। साक्षात्कार के समय घबराएं नहीं बल्कि पॉजिटिव विचारों को मन में पनपने दें। इण्टरव्यू फेस करने से पहले जहां आप जॉब करने के इच्छुक हैं वहां के बारे में हर छोटी-बड़ी बात की जानकारी जुटाएं। वह कोई कम्पनी है या अन्य कोई संस्थान, उसके स्ट्रक्चर के बारे में सम्पूर्ण जानकारी आपको होनी चाहिए।


श्री शर्मा ने कहा कि यदि वह किसी कम्पनी के लिए साक्षात्कार देने जा रहे हैं तो आपको इस बात की जानकारी हो कि कम्पनी में बनने वाला प्रोडक्ट क्या है, बाजार में इसकी कितनी खपत है, उस प्रोडक्ट को बनाने वाली कम्पनी की कितनी लोकप्रियता है। मोटे तौर पर इस प्रोडक्ट को खरीदने वाले उपभोक्ताओं की स्थिति क्या है, प्रोडक्ट उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति के दायरे में है या नहीं। यहां उपभोक्ता का अर्थ उस सामान्य व्यक्ति से है जो मार्केट से प्रोडक्ट को अधिक से अधिक मात्रा में खरीदता हो।


रिसोर्स परसन ने बताया कि कभी-कभी इण्टरव्यू में संस्थान का स्थापना वर्ष पूछ लिया जाता है। आजकल तो यह भी पूछा जाता है कि संस्थान विदेशी कॉलोब्रेशन में है या एकल स्वामित्व में है। इस प्रकार से यदि इण्टरव्यू के पहले छोटे-छोटे बिन्दुओं पर विचार कर लिया जाए तो सफलता सुनिश्चित है। श्री शर्मा ने छात्र-छात्राओं से कहा कि सबसे बड़ा मित्र आपका मन है। उसी की आवाज को सुनें, उस पर पूरा विश्वास करके इण्टरव्यू की तैयारी करें, इधर-उधर न भटकें। इण्टरव्यू समाप्त होने पर जब तक जाने को न कहा जाए, सीट छोड़ने की कोशिश न करें। इण्टरव्यू समाप्त होने के बाद शालीनता से बाहर आएं। अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने कॉरपोरेट ट्रेनर दर्शन शर्मा का छात्र-छात्राओं को बहुमूल्य समय देने के लिए आभार माना।

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