Sunday, April 28, 2024
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कार्यशाला: डीबीएमएस की खूबियों से रूबरू हुए राजीव एकेडमी के विद्यार्थी

  • डाटा मैनेजमेंट स्पे्शलिस्ट में स्किल्स का होना बहुत जरूरीः अवनीश सारस्वत


मथुरा। राजीव एकेडमी फार टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट में शुक्रवार को एमसीए के छात्र-छात्राओं के लिए डाटा बेस मैनेजमेंट सिस्टम (डीबीएमएस) पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। रिसोर्स परसन अवनीश सारस्वत (सीनियर डाटा बेस कन्सल्टेंट-नवी साइट इण्डिया प्रा.लि.) ने छात्र-छात्राओं को बताया कि आज के समय में डाटा मैनेजमेंट स्पेजशलिस्टस की हर जगह जरूरत है। यदि इस क्षेत्र में जॉब करने की ख्वाहिश रखते हैं तो आप में डाटा मैनेजमेंट स्किल्स का होना बहुत जरूरी है।

श्री सारस्वत ने कहा कि आज के समय में कम्पनियां ऐसे उम्मी दवारों को अधिक महत्वन देती हैं, जिनमें स्किल्स होती है। डाटा मैनेजमेंट स्पेकशलिस्टप की जॉब के लिए अप्लाकई करते समय इसका प्रदर्शन करना जरूरी होता है। कई ऐसे उम्मी्दवार होते हैं, जिनके अंदर जरूरी स्किल तो होती है, लेकिन वे सही समय और सही जगह पर इसका प्रदर्शन नहीं कर पाते और नौकरी का अवसर खो देते हैं। एक डाटा मैनेजमेंट स्पेाशलिस्टन कम्पनी के डाटा बेस सिस्टम से जुड़े सभी कार्य करता है। इसमें डाटा इनपुट करना, जानकारी के लिए प्रश्न जारी करना, रिपोर्ट बनाना, रिसर्च करना, डाटा मॉडल बनाना और समस्याओं तथा विसंगतियों का निवारण करना शामिल है।


श्री सारस्वत ने बताया कि कम्पनियां ऐसे लोगों को भर्ती करती हैं जो किसी भी समस्या की पहचान करने के साथ ही समय पर उसका समाधान खोजने की क्षमता रखते हों। जिनके अंदर कम्यु निकेशन स्किल होती है वे डाटा में दिखाई देने वाले पैटर्न को दूसरों को अच्छे तरीके से समझा पाते हैं। डाटा मैनेजमेंट के लिए आपमें क्रिएटिविटी का होना भी जरूरी है क्योंकि बड़ी समस्याओं के जल्दीझ समाधान करने वाले लोग अक्सेर क्रिएटिव तरीके से ही सोचते हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं को बताया कि डाटा मैनेजमेंट स्किल का उपयोग पैटर्न, मंथन, निरीक्षण, डाटा व्याख्या करने, नई जानकारी को एकीकृत करने, उपलब्ध कई कारकों और विकल्पों के आधार पर निर्णय लेने के दौरान प्रतिदिन किया जाता है।


रिसोर्स परसन ने छात्र-छात्राओं को बताया कि डीबीएमएस कई तरह की सूचनाओं को प्राप्त करने में समय की बचत करता है। इस सिस्टम में हरेक एप्लीकेशन की अपनी निजी फाइल्स होती है। डीबीएमएस का एक लाभ ये भी है कि इसमें एक स्थान पर एक ही तरह की फाइल्स को रखा जाता है अर्थात इसे दोहराया नहीं जाता जिससे डाटा की रीडेंसी कम होती है। उसके अतिरिक्त उन्होंने शेयरिंग आफ डाटा, डाटा कन्सिस्टेंसी, इण्टीग्रेशन आफ डाटा, डाटा सिक्योरिटी, रिमूव प्रोसीजर, रिलेशन डाटा बेस, क्वेरी, फार्म, रिपोर्ट आदि पर भी विस्तार से जानकारी दी। अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने छात्र-छात्राओं को बहुमूल्य समय और जानकारी देने के लिए रिसोर्स परसन अवनीश सारस्वत का आभार माना।


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