Monday, May 13, 2024
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संस्कृति विवि में राष्ट्रीय कौशल विकास कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ

संतोश मैमोरियल हाल में प्रो.व्यास ने विद्यार्थियों को किया प्रेरित

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के कैंपस टू स्थित संतोष मेमोरियल हाल में विश्व पर्यावरण दिवस और राष्ट्रीय कौशल विकास कार्यक्रम के शुभारंभ के मौके पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि देश के जाने माने आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर नलिनाक्ष एस.व्यास ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि सफलता का कोई शार्टकट नहीं है। आपको ज्ञान हासिल करना होगा, पढ़ना होगा। अपने विषय से जुड़ी किताबों को खरीदये, उन्हें पढ़िए। दुनिया को अच्छा देने के लिए शुरुआत अपने आसपास से ही करिए। आपके आइडिया वैज्ञानिक होने चाहिए।
जुगनू सेटेलाइट लांच करने वाले प्रोफेसर व्यास ने कहा कि पर्यावरण के बारे में मंथन करते वक्त ये ध्यान रखें कि हमें अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उठाए जाने वाले मुद्दों को छोड़कर अपने यहां की स्थिति को लेकर पर्यावरण संरक्षण के प्रोजेक्ट बनाने होंगे। मसलन मथुरा में गंदगी से कैसे निजात पाई जा सकती है, यहां के सालिड वेस्ट का मैनेजमेंट कैसे किया जा सकता, पानी कैसे अच्छा किया जा सकता है, इनपर काम कीजिए और अपने आईडिया दीजिए। उन्होंने कहा कि मैं संस्कृति विवि आकर और यहां के चांसलर डा.सचिन गुप्ता की सोच को जानकर बहुत प्रभावित हुआ। आप सभी विद्यार्थी सौभाग्यशाली हैं जो यहां पढ़ रहे हैं। मेरा मानना है कि आपका भविष्य युवा चांसलर डा. सचिन, कुलपति प्रो.एमबी चेट्टी और डाइरेक्टर जनरल डा. जेपी शर्मा के हाथों में सुरक्षित है। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि किसी भी विषय से जुड़े प्रोजेक्ट तैयार किए जा सकते हैं। उनपर 50-50 विद्यार्थियों के आइडिया मांगकर उनमें से जो सबसे अच्छे हों उनपर सरकार की सहायता से स्टार्टअप, इनोवेशन के प्रोजेक्ट शुरू किए जा सकते हैं। उन्होंने इस मौके पर विवि में इंटरनेट लैब खोलकर विद्यार्थियों को समर्पित करने का सुझाव भी दिया।
नेशनल स्किल डवलपमेंट कार्पोरेशन और संस्कृति विश्वविद्यालय के बीच गठबंधन की सूत्रधार बनीं सुश्री पारुल महाजन, हेड आफ एडवोकेसी, गवर्मेंट रिलेशन, नेशनल स्किल डवलपमेंट कार्पोरेशन(एनएसडीसी) ने कार्पोरेशन और संस्कृति विवि के गठबंधन की जानकारी देते हुए विद्यार्थियों को बताया कि स्किल डवलपमेंट के कोर्स करने वाले विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र दिए जाएंगे उनपर संस्कृति विवि और एनएसडीसी दोनों के लोगो होंगे जिससे इन प्रमाणपत्रों की अहमियत बहुत ज्यादा होगी। उन्होंने कहा कि जिस दिन हम इस धरती को अपना घर मानना शुरू कर देंगे और इसी सोच के साथ उसकी साफ-सफाई रखना शुरू कर देंगे उसी दिन हमारी धरती का पर्यावरण स्वच्छ हो जाएगा।
समारोह में संस्कृति विवि के चांसलर डा. सचिन गुप्ता ने विद्यार्थियों को कहा कि आप अपने विद्यार्थी जीवन को गंभीरता से लेना शुरू कर दीजिए। आपके ज्ञान और कौशल को संवारने के लिए विवि बड़े-बड़े कदम उठा रहा है। आज आप संस्कृति विवि के माध्यम से विश्व की 300 विख्यात युनिवर्सिटी से डिग्री हासिल कर सकते हैं। एनएसडी के माध्यम से बड़ी कंपनियों में इंटर्नशिप कर सकते हैं, नौकरियां हासिल कर सकते हैं। उन्होंने इंडस्ट्री 4.0 का उल्लेख करते हुए कहा कि आज हर समस्या का समाधान है। टेक्नोलाजी किसी से भी अछूती नहीं हैं। उच्छ शिक्षा के लिए दी जाने वाली बड़ी-बड़ी फीसों का समाधान खोजा जा रहा है, जो आपके सामने बहुत जल्द आ जाएगा। पूर्व में विवि के कुलपति प्रो.एमबी चेट्टी ने स्वागत भाषण दिया तथा विवि के डाइरेक्टर जनरल जेपी शर्मा ने अतिथियों का परिचय कराया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन विवि की डा. रेनू गुप्ता किया। समारोह में श्रीमती कृष्णा महाजन, उदय श्राफ, संस्कृति विवि की विशेष कार्याधिकारी श्रीमती मीनाक्षी शर्मा, डा.रजनीश त्यागी आदि भी प्रमुख रूप से मौजूद थे।

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