मथुरा। नरौली पुल के समीप गत दिनों एक युवक की हत्या कर शव रेलवे के लाइन के फैंक दिया गया। इस मामले में मृतक के परिजनों ने एफआईआर दर्ज कराई थी। लेकिन पुलिस ने अभी तक हत्यारों का पता नहीं लगा सकी है। इस पर मृतक की मां सोमवार को एसएसपी कार्यालय पहुंची और न्याय की गुहार लगाई है।
जानकारी के मुताबिक 22 वर्षीय युवक कन्हैया की हत्या कर शव फेंके जाने की आशंका जतात हुए परिजनों थाना हाईवे में केस दर्ज कराया था। लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस अभी तक कोई परिणाम तक नहीं पहुंची है।
सोमवार को एसएसपी कार्यालय पर पहुंची मृतक की मां ने बताया कि उनके पुत्र की किसी अज्ञात के द्वारा निर्ममता से हत्या कर शव को रेलवे लाइन के समीप फेंका गया है। कई दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस द्वारा अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है और ना ही इस मामले का खुलासा किया जा रहा है। घटना को काफी दिन बीत जाने के बाद भी खुलासा ना होने से परेशान मां अपनी पीड़ा को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची। उसने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग करते हुए कार्यवाही करने की गुहार लगाई है।
गोविन्द भारद्वाज मथुरा। यूपी सरकार ने सभी नगर निगम क्षेत्र में खुले में तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट बेचने के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया है। यानी कि अब कहीं पर भी गली, मोहल्ले, बाजार, मॉल एवं काम्पलेक्स किसी भी जगह पर खुले में बिना लाइसेंस के बीड़ी सिगरेट गुटका नहीं बेच सकते हैं। अगर कोई भी व्यक्ति बिना लाइसेंस के बिक्री करता पाया जाता है तो उसके विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।
पहली बार पकड़े जाने पर रुपए 2 हजार का चालान किया जाएगा। दूसरी बार पकड़े जाने पर 5 हजार रुपये का चालान और तीसरी बार पकड़े जाने पर 5 हजार रुपये का चालान और एफआईआर दर्ज की जाएगी। प्रदेश के सभी 16 नगर निगम को शासन द्वारा निर्देश जारी कर दिया गया है। 31 जुलाई तक सभी नगर निगम में यह प्रणाली लागू हो जाएगी यानी कि अब बिना लाइसेंस के तंबाकू गुटका बीड़ी सिगरेट नहीं बेचा जा सकता है। दुकानदारों को लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा।
सुनील सिंह मथुरा। किसानों ने क्रय केन्द्रां पर आ रही समस्याओं को लेकर मंडी समिति परिसर में धरना प्रदर्शन किया। रालोद नेता कुंवर नरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में किसानों ने प्रदेश सरकार पर तीखे प्रहार किए। धरना के दौरान किसानों का कहना है कि पिछले काफी समय से वह अपने गेहूं और फसल को लेकर मंडी परिसर में आए हैं। परंतु इस ओर अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है। क्रय केंद्र पर किसानों के गेहूं को खरीदा नहीं जा रहा है।
वही रालोद नेता कुंवर नरेंद्र सिंह ने किसानों के हो रहे शोषण को लेकर सरकार के खिलाफ तीखे प्रहार किए और कहा कि अदानी, अंबानी दलाल है और सरकार उनको लाभ पहुंचाने का कार्य करती है। किसानों का गेहूं क्रय केंद्र पर पड़ा है जिसकी खरीद तक नहीं हो पा रही है। उनका यह भी कहना है कि क्रय केंद्र पर गेहूं खरीद के समय को और एक हफ्ता बढ़ा दिया जाए जिससे कि किसानों की फसल की खरीद पूरी हो सके इन सभी समस्याओं को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा गया
मथुरा। संस्कृति स्कूल आफ मेडिकल एंड एलाइड साइंसेज द्वारा एमजीएनसीआरई, मानव संसाधन मंत्रालय के सहयोग से, “साइको-सोशल स्किल्स आफ गुड हेल्परः टेक्लिंग द कोविड-19 पैंडेमिक” विषय से जुड़ी एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य रूप से एक अच्छे सहायक के लिए मनो सामाजिक कौशल द्वारा कोविड-19 महामारी से कैसे निपटा जाता है, इस बारे में विस्तार से बताया गया। आन लाइन आयोजित इस कार्यशाला में मुख्य वक्ता एमजीएनसीआरई, मानव संसाधन विकास मंत्रालय की सुश्री कृतिका पूनिया थीं।
कार्यशाला में मुख्य वक्ता ने एक अच्छे सहायक के लिए जरूरी कौशल के बारे में विस्तार से बताते हुए यह भी जानकारी दी कि मेडिकल सहायक अपने अंदर ये कौशल कैसे विकसित कर सकते हैं। उन्होंने कुछ केस स्टडी का हवाला देते हुए कहा कि सभी सहायकों की पांच टीम बना लेनी चाहिए। सुश्री पूनिया ने टीमों के गठन का तरीका बताते हुए कहा कि पहली टीम अस्पताल प्रबंधन टीम है। इस टीम द्वारा उपलब्ध बेड, वेंटीलेटर, आईसीयू की जानकारी हासिल करनी चाहिए। इस टीम को वैक्सीन की जागरूकता, सूचनाओं का आदान-प्रदान और कोविड वैक्सीन सेंटर पर भीड़ को संभालने की जिम्मेदारी होती है। उन्होंने बताया कि इन सभी कामों के लिए सभी सदस्यों का कुशल होना जरूरी है। साथ ही यह भी बताया कि कैसे कुशलता हासिल की जा सकती है।
टीम दो के पास गैर सरकारी संगठनों की जानकारियां साझा करने का काम, कोविड मरीजों के भोजन वितरण, कोविड हेल्पलाइन नंबर साझा करना शामिल है। टीम नंबर तीन के पास बहुत महत्वपूर्ण काम होता है कोविड पाजिटिव व्यक्ति के परिवार को भावनात्मक सहयोग देना। इसके लिए सदस्यों को विशेष कौशल हासिल करना चाहिए। टीम चार के पास मेडिकल अनिवार्यता की जानकारी को साझा करना होता है। इसमें आक्सीजन कंसंट्रेटर, रक्त प्लाज्मा संबंधी आवश्यकताओं की जानकारी साझा करना होता है। रेमिडसेविर इंजेक्शन और अन्य दवाओं की उपलब्धता, पल्स आक्सीमीटर की उपलब्धता की जानकारिया भी शामिल हैं।
मुख्य वक्ता ने बताया कि टीम पांच का काम कोविड रोगी के साथ निरंतर संपर्क में रहना, संवाद करना है। सहायक द्वारा रोगी को नैतिक समर्थन देना, सहानुभूति का कौशल, संदर्भ का एक प्रारूप प्रस्तुत करना और सांस के लिए व्यायाम के महत्व के बारे में जागरूक करना भी है। उन्होंने कहा कि सहायक के द्वारा रोगी को दुरुस्त करने में बड़ी भूमिका होती है। इसी लिए सहायक को ये कौशल हासिल करने चाहिए। कार्यशाला का शुभारंभ संस्कृति स्कूल आफ मेडिकल एंड एलाइड साइंसेज की डीन डा. पल्लवी श्रीवास्तव के स्वागत भाषण से हुआ। कार्यशाला में फिजियोथेरेपी विभाग की सहायक प्रोफेसर ड़ा. कीर्ति मिश्रा ने सभी को धन्यवाद दिया। कार्यशाला में लगभग 125 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
मथुरा। यूपी पुलिस के कारनामे आए दिन सामने आते रहते हैं। कभी यूपी पुलिस बिना बंदूक के ही गोली चला देती है तो कभी आरोपियों से मिलकर ही राजीनामा का दबाव बनाने को आमादा हो जाती है। ऐसा ही एक मामला एसएससी ऑफिस पर देखने तब मिला जब सोमवार को एक पीड़ित परिवार न्याय के लिए आमरण अनशन पर बैठा है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक रामनगर में बीते दिनों एक पीड़ित परिवार की नाबालिक पुत्री के साथ गांव के नामजदों लोगों ने छेड़छाड़ कर दी थी। पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन अभी तक किसी भी आरोपी के खिलाफ कार्यवाही नहीं की है। वही पीड़ित परिवार का आरोप है कि नामजद आरोपी पुलिस से मिल गए हैं और वह सांठगांठ कर जबरन राजीनामा का दबाव बना रहे हैं।
वहीं पीड़ित परिवार का यह भी कहना है कि लक्ष्मी नगर चौकी इंचार्ज राजीनामा करने का इस तरीके से दबाव बनाने के लिए आमादा हो गये है कि वह परेशान करने लगे हैं। इसी से परेशान होकर सोमवार को पीड़ित परिवार अपने बच्चों के साथ न्याय के लिए एसएसपी कार्यालय के सामने आमरण अनशन के लिए बैठ गया। पीड़ित परिवार को एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर के समक्ष पेश किया गया। एसएसपी ने पीड़ित परिवार को समझा-बुझाकर आमरण अनशन खत्म करा कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
मथुरा। नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल द्वारा वेक्सीनेशन कैंप का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी के सहयोग से सोमवार को तिलकद्वार अग्रवाल धर्मशाला पर संपन्न हुआ। नगर के सैकड़ों व्यापारियों ने वैक्सीन लगवाई एवं अपने स्टाफ को भी कोरोना से बचाव के लिए वेक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित किया।
वेक्सीनेशन शिविर का शुभारंभ करते हुए भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि कांत गर्ग ने कहा कि वैक्सीन कोविड 19 से बचाव का सुरक्षा कवच है। उन्होंने व्यापारियों से अनुरोध किया कि वह वैक्सीन की दोनों डोज अवश्य लें।
उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी राजीव गुप्ता ने बताया कि केंद्र एवं राज्य सरकार से सहयोग से अब तक जनपद में लगभग चार लाख लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है उन्होंने अपील की वह अपने सभी परिचितों को जिन्होंने अभी वैक्सीन नहीं लगवाई है उन्हें प्रेरित करें उन्होंने कहा कि किसी को किसी भी अफवाह का शिकार की आवश्यकता नहीं है वैक्सीन का कोई भी साइड इफेक्ट्स नहीं है ।
शिविर के अंत में नगर अध्यक्ष रमेश चतुर्वेदी ने सभी उपस्थित बंधुओं एवं मेडिकल टीम का धन्यवाद किया। कार्यक्रम का संचालन नगर महामंत्री सुनील अग्रवाल एवं वरिष्ठ मंत्री शशिभानु गर्ग ने किया।
इस अवसर पर वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष आजयकांत गर्ग, जिला महामंत्री अजय गोयल, नगर उपाध्यक्ष दिनेश आनंद, गुरमुख दास, संयुक्त महामंत्री रामचंद्र खत्री, मंत्री राज नारायण गौड़, अनिल खंडेलवाल, कोषाध्यक्ष मीनालाल अग्रवाल, संगठन मंत्री छगनलाल खंडेलवाल, श्री भगवान चतुर्वेदी, हेमेंद्र गर्ग, रामनरेश अग्रवाल, प्रचार मंत्री अश्विनी गर्ग, विनोद अग्रवाल, जिला प्रतिनिधि विश्व स्वास्थ्य संगठन डॉ संदीप ठक्कर, जिला प्रतिनिधि यूनिसेफ सना परवीन, अर्बन नोडल डॉक्टर मानपाल सिंह, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रवीण भारती प्रमुख रुप से उपस्थित रहे।
मथुरा। जनपद न्यायाधीश यशवंत कुमार मिश्र ने कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना-2021 का लाभ दिलाने के निर्देश जारी किए हैं। इस संबंध में विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सोनिका वर्मा ने बताया कि आखिर किन बच्चों को इस योजना का लाभ और आश्रय मिलेगा।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मथुरा की सचिव सोनिका वर्मा ने बताया गया कि कोविड-19 में जो बच्चे अपने माता पिता को खो चुके हैं उनके जीवन को संवारने के लिए उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना-2021 का शुभारंभ किया गया है। इस तत्परता का मूल उद्देश्य परेशान बच्चों को तत्काल मदद पहुंचाना है और उनको गलत हाथों में जाने से बचाना है। इसके तहत अनाथ हुए बच्चों के भरण पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्थाओं का पूरा ख्याल शासन के द्वारा रखा जाएगा।
जनपद न्यायाधीश यशवंत कुमार मिश्र
यूपी सरकार इन बच्चों को देगी बाल सेवा योजना का लाभ
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से जिन बच्चों को लाभांवित किया जाना है। उनकी श्रेणी तय कर दी गई है। योजना में 0 से 18 वर्ष के ऐसे बच्चे शामिल किए जाएंगे, जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु कोविड-19 से हो गई है या माता-पिता में से एक की मृत्यु मार्च 2020 से पहले वो गई थी और दूसरे की मृत्यु कोविड काल में हो गई अथवा दोनों की मौत 1 मार्च 2020 से पहले हो गई थी और वैध संरक्षण की मृत्यु कोविड काल में हो गई। इसके अलावा 0 से 18 वर्ष के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु कोविड काल में हो गई हो और वह परिवार का मुख्य कर्ताधर्ता हो और वर्तमान में जीवित में माता-पिता सहित परिवार की आय दो लाख रुपये से अधिक ना हो, ऐसे लोगों को योजना में शामिल किया जाएगा।
दस वर्ष तक के बच्चों के बैंक खाते में दिए जाएंगे 4 हजार रुपए प्रतिमाह
उन्होंने बताया कि योजना की श्रेणी में आने वाले 0 से 10 वर्ष के बच्चों के वैध संरक्षण के बैंक खाते में 4000 हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे। इसके साथ ही यह शर्त होगी कि औपचारिक शिक्षा के लिए बच्चे का पंजीयन किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कराया गया हो, समय से टीकाकरण कराया गया है और बच्चे के स्वास्थ्य और पोषण का पूरा ध्यान रखा जा रहा हो। इसके अलावा जो बच्चे पूरी तरह अनाथ हो गए हो और बाल कल्याण समिति के आदेश विभाग के तहत संचालित बाल्य देखभाल संस्थाओं में आवासित कराए गए हो उनको कक्षा 6 से 12 तक कि शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों मैं प्रवेश कराया जाएगा।
बच्चों को शिक्षा, आश्रय से लेकर शादी तक सरकार करेगी सहायता
11 से 18 वर्ष तक के बच्चों की कक्षा 12 तक की निशुल्क शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में भी प्रवेश कराया जा सकेगा। ऐसे वैध संरक्षक को तीन माह की अवकाश अवधि के लिए बच्चे की देखभाल के लिए प्रतिमाह 4000 रुपए की दर से रुपए 12000 प्रति वर्ष खाते में दिए जाएंगे। यह राशि कक्षा 12 तथा 18 वर्ष की उम्र, जो भी पहले पूर्ण होने तक दी जाएगी।
यदि बच्चे के संरक्षक इन विद्यालयों में प्रवेश दिलाना नहीं चाहते हैं तो बच्चों की देखरेख और पढ़ाई के लिए उनको 18 वर्ष का होने तक कक्षा 12 की शिक्षा पूरी होने तक 4000 रुपए की धनराशि दी जाएगी, वशर्ते बच्चे का किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया हो। योजना के तहत चिन्हित बालिकाओं के शादी के योग्य होने तक शादी के लिए 101000 रुपए दिए जाएंगे। कक्षा 9 या इससे ऊपर की कक्षा में अथवा व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 वर्ष तक के बच्चों को टैबलेट, लैपटॉप की सुविधा दी जाएगी।
बच्चों की चल-अचल संपत्तियों की सुरक्षा के प्रबंध होंगे
उन्होंने बताया कि ऐसे बच्चों की चल-अचल संपत्तियों की सुरक्षा के प्रबंध होंगे। जिला बाल संरक्षण इकाई व बाल कल्याण समिति द्वारा चिन्हांकन के 15 दिन के अंदर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कराई जाएगी। निर्धारित प्रारूप पूर्ण भरकर ऑफलाइन तरीके से ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम विकास पंचायत अधिकारी, विकासखंड या जिला प्रोवेशन अधिकारी कार्यालय पर जमा कराना होगा। शहरी क्षेत्र में लेखपाल, तहसील या जिला प्रोवेशन अधिकारी कार्यालय में जमा किए जा सकते हैं। माता-पिता की मृत्यु से दो वर्ष के अंदर आवेदन तथा अनुमोदन की तिथि से लाभ अनुबंध होगा।
मथुरा। विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर सोमवार को मथुरा के जिला अस्पताल में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं रक्तदाताओं ने रक्तदान करके लोगों को इस महादान के लिए प्रेरित किया।
डाक्टर रितु रंजन ने बताया कि हर साल की भांति इस बार भी रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया है। इस बार कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए इस बार यह कार्यक्रम सूक्ष्म रूप में ही मनाया गया। उन्होंने लोगों से अपील की है कि रक्तदान करने से शरीर में कोई हानि नहीं होती है। रक्तदान सभी को करना चाहिए जिससे किसी की जान बच सके और जरूरत पड़ने पर हर किसी की मदद करना चाहिए।
मथुरा। चोरों के हौंसले बुलंद हैं। बीती रात एक नहीं, दो नहीं बल्कि तीन चोरी की घटनाओं को अलग-अलग क्षेत्रों में अंजाम दिया गया। एक बैंक कर्मचारी के घर से लाखों रुपए का कीमती सामान पर कर दिया। वारदात के दौरान लोगों की सजगता के चलते तीन चोर रंगे हाथ पकड़ लिए और पुलिस को सौंप दिए हैं। इनमें एक चोरी की घटना का चोरों ने असफल प्रयास किया।
देसी शराब के ठेका से चोरी का प्रयास, एक चोर रंगे हाथ पकड़ा
लक्ष्मीनगर क्षेत्र स्थित देसी शराब के ठेका से चोरों ने देर रात का असफल प्रयास किया गया। चोरों ने शराब की दुकान में चोरी करने का प्रयास किया लेकिन पास में लगे सीसीटीवी कैमरे में जब चोरों को एक पड़ोसी ने देखा है तो इसकी सूचना शराब ठेका के सेल्समैन को दी। मौके पर पहुंचे लोगों ने चोरों को घेर लिया और एक चोर को पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया। वहीं तीन चोर मौके भाग गए।
सेल्समैन ने बताया कि पिछले 3 महीने में यह चोर चार बार चोरी का प्रयास कर चुके हैं, जिसमें शराब की बोतलें चोर कर ले जा चुके हैं। लेकिन इस बार दुकान मालिक के द्वारा चोरी की घटना को अपने मोबाइल में देखते हुए गिरफ्तार कर लिया गया है।
बैंककर्मी के मकान में लाखों की नगदी व आभूषण चोरी
कस्बा राया के सादाबाद रोड स्थित टीचर्स कालोनी में किराए पर रहने वाले बैंक कर्मी जितेंन्द्र अग्रवाल के बंद घर में चोरों ने घटना को अंजाम दिया। बैंक कर्मी अपनी पत्नी के साथ किसी जरुरी कार्य से बाहर गए हुए थे। जब वह दो दिन बाद वह वापिस लौटे तो घर का ताला टूटा मिला। घर के अंदर रखी अलमारी का सारा सामान बिखरा हुआ पड़ा। घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। जितेंद्र अग्रवाल ने बताया कि घर में रखी अलमारी से सोने, चांदी के आभूषण और नगदी सहित करीब डेढ़ लाख रुपए का सामान चोरी हो गया।
मंदिर में घुसे चोर, में रंगे हाथ चोरी करते पकड़ा, दो चोर किया पुलिस के हवाले
थाना हाईवे क्षेत्र के पन्ना पोखर चौकी क्षेत्र की रेलवे कॉलोनी में स्थित बड़े मंदिर में रात्रि को चोरों ने धावा बोल दिया। चोर बीती रात मंदिर में दाखिल हुए। तभी महंत को जब खटपट की आवाज सुनाई दी तो मंदिर के महंत ने देखा कि 2 चोर मंदिर में घुस आए हैं। महंत ने शोर मचाया तो आसपास के लोग भी एकत्रित हो गए और चोरों को रंगे हाथों पकड़ लिया और पुलिस को सूचना देकर पुलिस के हवाले कर दिया।
आपको बता दें इसी मंदिर में लगभग 2 से 3 बार भी चोरियां पहले हो चुकी है। मंदिर से ठाकुर जी की सोने, चांदी के आभूषण, पूजा का सामान और ठाकुरजी की मूर्तियां भी चोरी हो चुकी है। परंतु अभी तक पन्ना पोकर चौकी पुलिस द्वारा पिछली घटनाओं का भी कोई खुलासा नहीं किया गया है। रेलवे कॉलोनी में हो रही लगातार वारदात पुलिस पर सवालिया निशान खड़े कर रही है। मंदिर के आसपास असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। लेकिन क्षेत्रीय पुलिस अनदेखा कर रही है।
आगरा। निबोहरा क्षेत्र के रामपुर गांव में 3 साल का बच्चा खेलने के दौरान 100 फ़ीट गहरे बोरवेल में जा गिरा। घटना से गांव में हलचल मच गई। गांव के लोग बच्चे को रस्सी की सहायता से निकालने में जुट गए। सफलता न मिलने पर स्थानीय पुलिस को सूचना दी गई। कुछ ही समय में दमकल की टीम और एसडीआरएफ टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। बताया जा रहा है कि बच्चा पिछले तीन घंटों से बोरवेल में फंसा है।
पुलिस और संबंधित विभागों ने घटना की जानकारी अपने आला अधिकारियों को दी है। मासूम के जीवन को बचाने के लिए सेना की भी मदद मांगी गई है। साथ ही गाजियाबाद से एनडीआरएफ की टीम को भी बुलवाया गया है। मजिस्ट्रेट और स्थानीय पुलिस मौके पर हैं, ताकि हर संभव मदद मुहैया करवाई जा सके।
ग्रामीणों मुताबिक सोमवार सुबह खेलते वक्त तीन साल का शिवा बोरवेल में जा गिरा। जब घर वालों ने खोजना शुरू किया तो बोरवेल से रोने की आवाज आई, जिसके बाद गांव में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों का कहना है कि बच्चे की बीच-बीच में आ रही है, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि शिवा 25 की गहराई में फंसा हो सकता है। फ़िलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए आर्मी और एनडीआरएफ की टीम का इन्तजार किया जा रहा है। मौके पर डॉक्टरों की टीम भी पहुंची है, ताकि बोरवेल में ऑक्सीजन की सप्लाई करवाई जा सके।