Monday, October 13, 2025
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यूपी में पिछले 26 घंटों में 1165 नए कोरोना संक्रमित मिले, 85 की मौत

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में लगातार गिरावट जारी है। प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1165 मामले सामने आए। इस दौरान 85 मरीजों की मौत हो गई जबकि 2446 लोग कोरोना से रिकवर हुए। प्रदेश में अब 17,928 कोरोना एक्टिव केस हैं। प्रदेश में अब कुल मृतक मरीजों की संख्या 21,252 पहुंच गई है।

यूपी में इस साल होगी रिकॉर्ड तोड़ बारिश, जानिए राज्य में कब दस्तक देगा मानसून

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केरल में इस बार समय से मॉनसून पहुंच चुका है और इसके जून के अंतिम सप्ताह तक यूपी में भी यह पहुंचने के आसार है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि 22 जून को पूर्वी उत्तर प्रदेश में मॉनसून आ जाएगा, जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शानदार बारिश 25-26 जून से शुरू हो जाएगी।

भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान के सीनियर साइंटिस्ट डॉक्टर शमीम का कहना है कि यूपी में इस बार अच्छी बारिश की संभावना है। उन्होंने बताया कि इस बार की बारिश किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी। खासतौर से धान और गन्ने की फसल को जबरदस्त फायदा होगा। डॉक्टर शमीम का कहना है कि मॉनसून एक ग्लोबल फिनोमिना है। अगर यह अपना पैटर्न चेंज करता है तो उसकी स्टडी करने की जरुरत होगी।

इस बार यूपी में होगी रिकॉर्ड बारिश

मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस बार यूपी में रिकॉर्ड बारिश हो सकती है। जून से सितंबर तक 4 महीनों के दौरान 96-104 मिमी बारिश होने की संभावना है। इन चार महीनों में सामान्य बारिश 88 मिमी होती थी।

नगर निगम हुआ सक्रीय

यूपी में अच्छी बारिश होने की खबर से नगर निगम और तैयारियों में जुट गया है। नालों की सफाई का काम शुरू कर दिया है। नगर आयुक्त ने टीम बनाकर नालों और वार्डों की सफाई का खाका तैयार किया है। गौरतलब है कि हर बारिश में मथुरा में कचरों से जाम नाले मुसीबत का सबब बन जाते हैं। मथुरा के अधिकांश क्षेत्रों में जलभराव लोगों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बनजाता है। यहां तक कि नालों का पानी लोगों के घर में पहुंच जाता है।

कोरोना की थर्ड वेव में ऐसे बचाएं अपने बच्चों को, जानिए बाल रोग विशेषज्ञ के दिए ये सुझाव


दुनियाभर में कोरोना महामारी की सेकण्ड वेव से हाहाकार मचा रहा। देश में कोरोना से लड़ने के लिए संसाधनों के लिए मारामारी देखी गई। इसी बीच अब कोरोना की थर्ड वेव के आने की आशंका जताई जा रही है। विशेषज्ञों का यह भी दावा कि यह वेव बड़ों से ज्यादा बच्चों को प्रभावित करेगी। उनके लिए घातक होगी। ऐसे नियो न्यूज ने कोरोना वायरस की थर्ड वेव से बच्चों को किस तरह सुरक्षित रखा जाए और इससे बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। इन सवालों के जवाब के जवाब नियो न्यूज ने मथुरा के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक अग्रवाल से जाने। आइए जानते हैं बाल रोग विशेष के सुझाव-

बाल रोग विशेष डा. अशोक अग्रवाल ने बताया कि कोरोना संक्रमण एक वायरल इन्फेक्शन हैं। जिसकी कोई खास दवाई होती नहीं। पहले देखा कि रेमडिसिविर इंजेक्शन इसमें कारगर होगा। लेकिन बाद में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि इस महामारी में रेमडिसिविर का कोई रोल नहीं है।


कोरोना संक्रमण से बचने के लिए बच्चे और बड़ों में इन्यूनिटी पॉवर (प्रतिरोधक क्षमता) अच्छी नहीं होनी चाहिए। अभी तक के अनुभव से स्पष्ट है कि यदि व्यक्ति के अन्दर रोगों से लड़ने की क्षमता अच्छी है तो कोरोना वायरस असर नहीं करेगा।


डाक्टर अशोक अग्रवाल ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि इस बार कोरोना लहर बच्चों पर प्रभावित करेगा। इसके लिए कोरोना से बचने का बड़ा तरीका यह है कि बच्चों को संक्रमण से बचाकर रखा जाए। मास्क लगाना, समय-समय पर हाथ धोना और सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखना चाहिए।

बच्चे कोरोना की थर्ड वेव से बचाव के अपनाएं ये तरीके

  • बच्चे घर से बाहर न निकलें।
  • हैंडवॉश करें, सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें ।
  • बच्चों को बंद कमरों, ए सी और कूलर के पास न रहने दें।
  • बच्चों के लिए हवादार वातावरण होना चाहिए।
  • खाना-पीना पॉष्टिक होने के साथ समय पर होना चाहिए।
  • ऐलोवेरा बच्चों को किसी न किसी रुप में दें ताकि इन्यूनिटी पॉवर बढ़ा सकें
  • ऐसे फल, सब्जी और खाना दें जिनमें विटामिन्स, जिंक और प्रोटीन भरपूर मिल सके। दवाओं का एक सीमित मात्रा में ही प्रयोग करें, क्यों कि अधिक दवाई घातक भी हो सकती हैं ।

थर्ड वेव के लिए अस्पतालों को रहना होगा तैयार

डा. अशोक अग्रवाल ने बताया कि कोरोना संक्रमण की सेकण्ड वेव में फस्र्ट से सीख लेने में देरी हुई थी। वेंटीलेटर, ऑक्सीजन की लोगों को मारामारी झेलनी पड़ी। समय रहते सेकण्ड वेव से सीख लेते हुए अभी से थर्ड वेव के लिए तैयार रहना चाहिए। लोगों के साथ-साथ हॉस्पीटलों को भी तैयार रहना आवश्यक है।

बच्चों में कोरोना संक्रमण के खतरे की आशंका को देखते हुए बच्चों के ही वेंटीलेटर अस्पतालों में होने चाहिए। क्यों कि बड़ों के प्रयोग में आने वाले वेंटीलेंटर बच्चों के लिए प्रयोग में नहीं लाए जा सकते। इसके अलावा बच्चों की क्षमता के अनुसार ही दवाइयों की व्यवस्था एवं उनके मुताबिक ही उपाचार के अन्य संसाधन तैयार करने होंगे।

डाक्टर अशोक अग्रवाल ने की ये अपील

उन्होंने कहा कि कोरोना टाइम-2 के समय देश के लोग आर्थिक रुप से बहुत ही कमजोर हुए हैं। वह ऐसे परिवारों को जानते हैं, जिन्होंने कर्ज लेकर कोरोना का इलाज कराया है। यह बात भी सही है कि इलाज बहुत महंगा हुआ है। प्राइवेट अस्पतालों में बहुत ही महंगा इलाज हुआ है। प्राइवेट अस्पतालों और डॉक्टरों से मांग है कि वह कोरोना के इलाज के दौरान जो राहत मरीज को दे सकते हैं, वह अवश्य दें।

मथुरा में वाहन चोर गैंग के तीन सदस्य गिरफ्तार, चोरी की 10 मोटरसाइकिल बरामद

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मथुरा। पुलिस ने वाहन चोर गैंग के तीन सदस्यों से हाईवे क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। इनकी निशानदेही से चोरी की 10 मोटरसाइकिल बरामद की है। पुलिस ने तीनों वाहन चोरों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई कर जेल भेज दिया है।
हाईवे थाना पुलिस के मुताबिक लंबे समय से जिले में सक्रीय वाहन चोर गैंग के तीन सदस्यों को पालीखेड़ा चौराहा से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार चोर बरारी निवासी सतीश पुत्र राजवीर, महोली रोड धर्म लोक कालोनी निवासी अजय पुत्र रमेश चन्द्र एवं राजस्थान में भरतपुर थाना उच्चेन निवासी गिरीश कुमार पुत्र जगन्नाथ है।


पुलिस पूछताछ में वाहन चोर के सदस्यों ने बताया कि मथुरा से मोटरसाइकिल चोरी करके एक स्थान पर एकत्रित कर लेते थे। उसके बाद उन्हें राजस्थान के भरतपुर ले जाकर अच्छी कीमतों पर बेच आते थे। तीनों वाहन चोरों के पास से दस चोरी की मोटरसाइकिल बरामद हुई हंै। जिनको बेचने के लिए पालीखेड़ा एवं मंशा टीला मंदिर मार्ग के समीप निर्माधीन मकान में छिपाकर रखी गई थी। बरामद मोटरसाइकिलों में छह मथुरा से चोरी गई हैं। जबकि चार मोटरसाइकिलों की छानबीन पुलिस द्वारा की जा रही है।


बरामद 10 मोटरसाइकिल का विवरण

इनामी बदमाश अनीश गिरफ्तार, लूट की वारदात के बाद से था फरार

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मथुरा। पुलिस ने गोवर्धन चौराहा से 10 हजार के इनामी बदमाश को गिरफ्तार कर लिया है। इसके पास से तमंचा, कारतूस और नकदी बरामद की है। पकड़े गए बदमाश ने लूट और चोरी की घ्टनाओं को अंजाम दिया था। हाईवे पर हुई लूट के बाद से यह बदमाश फरार चल रहा था। इसकी पुलिस को सरगर्मी से तलाश थी। इस पर लूट और चोरी के कई मुकदमे दर्ज हैं।


हाईवे थाना प्रभारी विनोद कुमार ने बताया कि थाना शेरगढ़ निवासी विसम्भरा गांव निवासी अनीश पुत्र इसराइल को गोवर्धन चौराहा से श्निवार शाम को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इसके पास से एक तमंचा, दो कारतूस एवं 750 रुपए बरामद किए हैं।

यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को प्रमोट करने से पहले शिक्षकों से मांगे सुझाव

लखनऊ। यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा रद्द करने के बाद अब विद्यार्थियों को प्रमोट करने का आधार तय करने जा रही है। यूपी बोर्ड ने प्रदेशभर सरकारी, गैर सरकारी स्कूलों एवं अभिभावक संघ के अध्यक्ष से सुझाव मांगे हैं। इसके लिए सोमवार को अपराह्न दो बजे जिले के सभी सभी जिला विद्यालय निरीक्षक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अपने-अपने सुझाव शिक्षा प्रस्तुत किए जाएंगे।

यूपी के माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडे के निर्देश के मुताबिक हाई स्कूल और इंटर मीडिएट की परीक्षा निरस्त होने के बाद अब परीक्षा परिणाम किस आधार पर तैयार किया जाए। इस पर जनपद के जिला विद्यालय निरीक्षक, ख्याति प्राप्त शासकीय, अशासकीय, वित्तविहीन विद्यालयों के प्रधानाचार्य एवं शिक्षक तथा अभिभावक संघ के अध्यक्ष के सुझाव मांगे जा रहे हैं। जिसके लिए सोमवार का दिन तय किया गया है। सोमवार को अपराह्न दो बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुझाव प्रस्तुत किए जाएंगे। इन सुझावों के आधार पर ही यूपी बोर्ड के कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं को प्रमोट किया जाएगा।


वहीं आपको बताते चलें कि कक्षा 9वीं की अंक गणना के लिए जिस प्रकार से साइट पर अपलोडिंग का कार्य चल रहा था। वह साइट अचानक उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा बंद कर दी गई। ऐसे में अब सोमवार को ही निर्णय हो पाएगा कि आखिरकार किस तरह से छात्रों को प्रमोट करना है।


काबिलेगौर बात यह है कि प्राइवेट विद्यार्थियों को बोर्ड किस आधार पर प्रमोट करेगा। स्कूल स्तर पर किस तरह ऐसे छात्र-छात्राओं का मूल्यांकन किया जाएगा कि वह आगे की कक्षा में प्रमोट हो जाएंगे। क्या पिछली क्लासों के प्राप्तांकों को ही प्रमोट का आधार बनाया जाएगा। यूपी बोर्ड के लिए यह एक चुनौती भरा कदम होगा।

नामांकन के साथ हुई पंचायत चुनाव प्रक्रिया, हारे-जीते प्रधान लगाने लगे दांवपेंच

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राया। ग्रामीण क्षेत्रां में एक बार फिर पंचायत चुनावों की सरगर्मी तेज हो गई है। राया विकास खण्ड की 53 ग्राम पंचायत में 324 पंचायत सदस्यों के लिए फिर से चुनाव प्रक्रिया नामांकन के साथ शुरु हो गई है। यह वह पंचायत सदस्य हैं जिनमें पूर्ण सदस्यों सदस्य नहीं चुने जा सके। इस कारण ग्राम पंचायतों का पूर्ण गठन नहीं हो सका।


ग्राम पंचायत सदस्यो के नामांकन के साथ ही प्रधान पद के दावेदार सरपंच बनने के लिए अभी से दांवपेय लगाने लगे हैं। पचायत सदस्य के लिए चुनाव मैदान में आए लोगों को अपने समर्थन के लिए हर संभव कोशिश में लगे हैं। कुछ प्रधानी के दावेदार को अपने ही लोगों को सदस्य पद के चुनाव के लिए नामांकन करा रहे हैं।

राया विकास खण्ड के सभागार में नामांकन प्रकिया शुरु की गई। वहीं ब्लॉक परिसर में ग्राम पंचायतों से जीते प्रधान और प्रधानी हारने वाले विपक्षी दल सदस्यों के चुनावों में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। जो अपने-अपने पक्ष के सदस्यों के नामांकन कराने के लिए ब्लॉक पर डेरा डाले हैं।

विजयी हुए प्रधान पूरे राजनीतिक दांवपेंच से सदस्यों को अपने पक्ष में लाने के लिए पर्चा दाखिल करा रहे हैं। जिससे कि निर्विवाद पंचायत का कार्यकाल पूरा कर सकें। वहीं बीडीओ राया प्रभात रंजन शर्मा ने बताया कि जिन ग्राम पंचायतों में निर्वाचित होने के लिए कुछ सदस्य रह गए हैं, उन ग्राम पंचायतो में बाकी पंचायत सदस्यों के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरु हो गई है। नामांकन प्रक्रिया में गांव के लोग फिर से बढचढ़ कर भाग ले रहे हैं।

दुनिया का सबसे खतरनाक चिड़ियाघर, जहां पिंजरे में कैद होते हैं टूरिस्ट, खुले में रहते हैं हिंसक जानवर

आपको ये जानकर भले ही अजीब लग रहा होगा या फिर आपको इस बात पर यकीन ना हो रहा होगा, लेकिन ये बात एकदम सच है। चीन का लेहे लेदु वाइल्ड लाइफ जू इसी तरह का चिड़ियाघर है। यहां खूंखार जानवर हमेशा खुलेआम घूमते हैं, उन्हें देखने के लिए लोग पिंजरों में कैद होकर आते हैं। यहां तक कि कई बार शेर और चीता जैसे खूंखार जानवर उनके इतने पास पहुंच जाते हैं लोगों की चीख निकल जाती है।

चीन का यह वाइल्ड लाइफ चिड़ियाघर चौंगक्विंग शहर में स्थित है। साल 2015 में इस चिड़ियाघर को खोला गया था। लेहे लेदु वाइल्डलाइफ जू नामक इस चिड़ियाघर में इंसानों को जानवरों के करीब जाने का बहुत ही अनोखा मौका मिलता है। सैलानी यहां के जानवरों को अपने हाथों से खाना भी खिला सकते हैं।

बता दें कि यहां इंसानों को पिंजरों में भरकर जानवरों के आसपास लाया जाता है। इस दौरान शेर इंसानों को पिंजरे में देखकर ललचाते रहते हैं। वह उन्हें खाने के लालच में पिंजरे के पास आ जाते हैं। यहां तक कि वह पिंजरे के ऊपर भी चढ़ जाते हैं, लेकिन पिंजरा होने की वजह से वह किसी को अपना शिकार नहीं बना पाते।

वाइल्ड लाइफ जू के संरक्षकों के अनुसार, अपने दर्शको को हम सबसे अलग और रोमांचकारी अनुभव करवाते हैं। जू के प्रवक्ता चान लियांग ने कहा कि जब कोई जानवर आपका पीछा करता है अथवा जब वह हमला करता है, हम उस वक्त के अनुभव को अपने दर्शकों को महसूस करवाना चाहते हैं। चिड़ियाघर में घूमने आए लोगों की सुरक्षा को लेकर यहां सख्त निर्देश दिए जाते हैं।

इसके अलावा सुरक्षा को लेकर इस चिड़ियाघर में पुख्ता इंतेजाम किये गये हैं। 24 घंटे कैमरों से पिंजरों और जानवरों पर निगाह रखी जाती है। आपातकाल स्थिति में सिर्फ 5 से 10 मिनट में मदद पहुंचाई जाती है। जिससे किसी को कोई चोट ना पहुंचे।

दुनियाभर में महज़ 43 लोगों के ही पास पाया जाता है ये खास ब्लड ग्रुप, क्या आपका भी है यही ग्रुप? जानिए इसकी खासियत

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अब तक आपने ए, बी, ओ, एब निगेटिव-पॉजिटिव जैसे कई ब्लड ग्रुप के बारे में पढ़ा और सुना होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि एक और ब्लड ग्रुप है जो पूरी दुनिया में बहुत ही कम लोगों के पास पाया जाता है और उसकी डिमांड भी उतनी ही ज्यादा होती है। दरअसल हम जिस ब्लड ग्रुप के बारे में बात कर रहे हैं उसे दुनिया का सबसे रेयर ब्लड ग्रुप माना जाता है और इस ग्रुप को गोल्डन ब्लड ग्रुप और आरएच नल (Rh null) के नाम से पहचाना जाता है।

गोल्डन ग्रुप सुनकर ही किसी खास चीज का अहसास होता है। यह ग्रुप दुनिया में बहुत कम लोगों का होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सबसे रेयर होने की वजह से शोध कर रहे वैज्ञानिकों ने इसे गोल्डन ब्लड नाम दिया है। रेयरेस्ट होने और किसी भी ब्लड ग्रुप को चढ़ाए जा सकने की वजह से ये खून बेशकीमती होता है। तो आइए एक बार इस ब्लड ग्रुप के बारे में डिटेल में जानते हैं।

क्या है गोल्डन ब्लड ग्रुप की खासियत ?

यूएस रेयर डिसीज इन्फॉर्मेशन सेंटर के मुताबिक गोल्डन ब्लड ग्रुप/आरएच नल एंटीजन से मुक्त होता है। इसलिए जिन लोगों के शरीर में ये खून होता है उन्हें एनीमिया की शिकायत हो सकती है। यही वजह है कि ऐसे लोगों की जानकारी होते ही डॉक्टर्स उन्हें डाइट पर खास ध्यान देने और आयरन वाली चीजें ज्यादा से ज्यादा लेने की सलाह देते हैं. ऐसे में इस खून को ‘गोल्डन ब्लड’ कहा जाता है।

इसकी सबसे बड़ी खासियत यही है कि इसमें किसी भी तरह का एंटीजन नहीं पाया जाता। कहने का मतलब है कि ये खून किसी भी ब्लड ग्रुप को चढ़ाया जाए तो शरीर उसे स्वीकार कर लेता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक रिसर्च के मुताबिक यह अब तक 43 लोगों में ही पाया गया है। इनमें ब्राज़ील, कोलंबिया, जापान, आयरलैंड और अमरीका के लोग शामिल हैं। रेयरेस्ट होने और सेम ब्लड ग्रुप को ही स्वीकार कर पाने की वजह से डॉक्टर इन लोगों को लगातार ब्लड डोनेट करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं ताकि जरूरत पड़ने पर ये खून उन्हीं के काम आ सके।

थाईलैंड में कीचड़ से निकलता है सोना, बैग में भरकर ले आते है लोग, जानिए

आमतौर पर हम गोल्ड के रेट के हिसाब से सोना खरीदते है या उससे जूलरी बनवा लेते है थाईलैंड की एक नदी में सोना बहता है और लोग सुबह ही वहां अपना बैग लेकर उसे कलेक्ट करने के लिए पहुंच जाते है।

यह जगह दक्षिणी थाईलैंड में है और यह मलेशिया से जुड़ा इलाका है इस इलाके को गोल्ड माउंटेन कहा जाता है और लंबे समय से यहां का खनन किया जा रहा है। यहां इतना सोना नहीं निकलता है की लोगों को आराम से मिल जाए और उसके बाद उन्हें कोई दूसरा काम करने की जरूरत ही न पढ़ें काफी मेहनत के बाद यहां से कुछ ग्राम सोना मिल जाता है।

भारत में भी एक ऐसी नदी है जहां से सोना निकलता है इस नदी की रेट में से सालों से सोना निकला जा रहा है इस नदी के आस -पास रहने वाले लोग उसमे से सोना निकलकर अपनी गुजर -बसर करते है यह नदी झारखण्ड के रत्नगरबा में स्वर्ण रेखा के नाम से फेमस है।